Mon, 24 Nov 2025 10:37:49 - By : Garima Mishra
काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं को बाबा विश्वनाथ के स्पर्श दर्शन के लिए एक दिन और इंतजार करना पड़ेगा। गर्भगृह में चल रहे संगमरमर परिवर्तन कार्य तय समय पर पूरा नहीं हो सका है, जिसके कारण मंदिर प्रशासन ने रविवार को भी स्पर्श दर्शन पर रोक जारी रखने का निर्णय लिया है। इससे दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालु निराश तो हैं, लेकिन मंदिर प्रशासन का कहना है कि यह कदम सुरक्षा और श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
मंदिर न्यास के डिप्टी कलेक्टर शंभु शरण के अनुसार, गर्भगृह में पुराने पत्थरों को हटाकर नए संगमरमर लगाने का काम पहले अनुमान से अधिक जटिल निकला है। पत्थर बदलने में लगने वाला वास्तविक समय पहले से तय की गई अवधि से अधिक हो गया, जिसकी वजह से पूरे शेड्यूल में विलंब हुआ है। उन्होंने बताया कि मंदिर में पांचों पहर की आरती निर्धारित समय पर ही होती है, जिसके दौरान श्रमिकों को काम रोकना पड़ता है। इस बाधा ने कार्य की गति को काफी प्रभावित किया है।
प्रशासन ने शुरुआत में यह कार्य गुरुवार तक पूरा करने का लक्ष्य रखा था। बाद में इसे शनिवार तक आगे बढ़ाया गया, लेकिन कार्य अधूरा रहने के कारण स्पर्श दर्शन में रोक को रविवार तक बढ़ाना पड़ा है। मंदिर प्रशासन का कहना है कि जैसे ही गर्भगृह का पूरा कार्य पूरा हो जाएगा, स्पर्श दर्शन की सुविधा तुरंत बहाल कर दी जाएगी। इस बीच सामान्य दर्शन, आरती और अन्य धार्मिक गतिविधियां पहले की तरह जारी रहेंगी।
डिप्टी कलेक्टर शंभु शरण ने बताया कि कार्यदायी संस्था पीडब्ल्यूडी ने आश्वस्त किया है कि रविवार देर रात तक संगमरमर लगाने का काम पूरी तरह समाप्त हो जाएगा। काम के अंतिम चरण में होने की वजह से उम्मीद की जा रही है कि सोमवार से श्रद्धालुओं को पूर्ववत स्पर्श दर्शन की सुविधा मिल सकेगी।
गौरतलब है कि गर्भगृह में संगमरमर बदलने का कार्य पिछले बुधवार से चल रहा है और मंदिर प्रशासन इसे समय पर पूरा करने के लिए लगातार निगरानी कर रहा है। हालांकि काम में देरी से कुछ असुविधा जरूर हुई है, पर प्रशासन का कहना है कि गर्भगृह की मजबूती और सौंदर्य के लिए यह कार्य आवश्यक है।