Fri, 21 Nov 2025 10:23:23 - By : Shriti Chatterjee
वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं के स्पर्श दर्शन दो और दिनों के लिए स्थगित रहेंगे. मंदिर के गर्भगृह में संगमरमर बदलने का काम जारी है और निर्धारित अवधि में कार्य पूरा न होने के कारण शुक्रवार और शनिवार को भी गर्भगृह में आम श्रद्धालुओं का प्रवेश रोक दिया गया है. मंदिर प्रशासन ने बताया कि गर्भगृह में केवल पुजारियों और सेवादारों को ही प्रवेश दिया जा रहा है ताकि नियमित पूजा विधि प्रभावित न हो, लेकिन स्पर्श दर्शन की व्यवस्था अस्थायी रूप से बंद रहेगी. यह रोक पहले गुरुवार तक थी, जिसे अब दो दिन के लिए और बढ़ाना पड़ा है.
काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के दौरान गर्भगृह में नया संगमरमर लगाया गया था. इसके आसपास की दीवारों पर स्वर्णजड़ित कार्य भी किया गया था. पिछले कुछ वर्षों में नियमित पूजन, विशेष अनुष्ठान और श्रद्धालुओं की आवाजाही के चलते संगमरमर पर दाग पड़ने लगे थे. कुछ स्थानों पर यह खुरदुरा भी हो गया था, जिससे इसकी मरम्मत और बदलाव जरूरी हो गया. इसके बाद मंदिर प्रशासन ने बुधवार से गर्भगृह में संगमरमर बदलने का काम शुरू कराया. काम को सुरक्षित तरीके से पूरा करने के लिए गर्भगृह में आम श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगानी पड़ी.
मंदिर प्रशासन ने बताया कि पूजा क्रम में किसी भी प्रकार की बाधा न आए, इसलिए केवल पुजारियों और सेवादारों को ही अंदर प्रवेश दिया जा रहा है. स्पर्श दर्शन की व्यवस्था को अस्थायी रूप से रोकने का निर्णय इसलिए लिया गया ताकि काम बिना किसी व्यवधान के पूरा हो सके. प्रशासन का कहना है कि गर्भगृह में श्रद्धालुओं की लगातार आवाजाही से न केवल काम प्रभावित होगा बल्कि सुरक्षा के लिहाज से भी यह उचित नहीं है.
कार्यदायी संस्था पीडब्ल्यूडी गुरुवार तक काम पूरा करने की योजना पर थी, लेकिन पांचों पहर की आरती और पुजारियों के बार बार प्रवेश के कारण काम को कई बार रोकना पड़ा. पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन ने बताया कि निर्धारित समय में काम पूरा करना संभव नहीं हो पाया. अब उम्मीद है कि कार्य शनिवार तक पूरा हो जाएगा. न्यास के डिप्टी कलक्टर शम्भु शरण ने भी पुष्टि की है कि कार्य को पूरा होने में दो दिन और लगेंगे.
श्रद्धालुओं को सलाह दी गई है कि वे मंदिर में आने से पहले स्पर्श दर्शन की व्यवस्था की जानकारी लेकर ही पहुंचे. मंदिर प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि काम पूरा होते ही दर्शन व्यवस्था पूर्ववत कर दी जाएगी और श्रद्धालु सुरक्षित और सुचारु रूप से दर्शन कर सकेंगे.