Sat, 29 Nov 2025 23:46:09 - By : SUNAINA TIWARI
कोलकाता : ईस्टर्न मेट्रोपॉलिटन बाईपास के पास शुक्रवार देर शाम एक 28 वर्षीय शादीशुदा महिला के साथ हुई गंभीर घटना ने शहर को हिला दिया है। महिला ने अपनी शिकायत में बताया कि तीन लोगों ने उसे जबरन कार में बैठाकर शराब पिलाई और फिर उसका यौन उत्पीड़न किया। यह वारदात रात करीब नौ बजे हुई जब पीड़िता प्रगति मैदान थाना क्षेत्र में एक बस स्टैंड पर ऐप एग्रीगेटर कार का इंतजार कर रही थी। पुलिस के अनुसार महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उसका इलाज जारी है। घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अज्ञात कार और उसके तीनों सवारों की तलाश शुरू कर दी है।
पीड़िता ने बताया कि मौके पर आई कार में बैठे तीनों में से एक व्यक्ति उसका परिचित था। कार रुकते ही तीनों ने मिलकर उसे जबरन अंदर खींच लिया। महिला के अनुसार कार के अंदर उसे शराब पीने के लिए मजबूर किया गया और शराब में नशीला पदार्थ भी मिलाया गया था। नशा चढ़ने के बाद उसके साथ यौन उत्पीड़न किया गया। वारदात के बाद उसे कार से उतारकर छोड़ दिया गया। वह किसी तरह खुद को संभालते हुए राहगीरों की मदद से अस्पताल पहुंची जहां चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद मामले की सूचना पुलिस को दी।
पुलिस अधिकारियों ने तुरंत अस्पताल जाकर महिला का बयान दर्ज किया। बयान के आधार पर प्रगति मैदान पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि जिस कार में यह वारदात हुई, उसकी पहचान के लिए आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज जुटाई जा रही है। जांच टीम घटना के समय आसपास मौजूद लोगों के भी बयान ले रही है ताकि आरोपितों तक जल्दी पहुंचा जा सके। पुलिस की टीमें आरोपी के परिचित होने की जानकारी को भी गंभीरता से लेते हुए उसके रिश्तों और संपर्कों की जांच कर रही हैं।
घटना के बाद इलाके में सुरक्षा और सतर्कता को लेकर चिंता बढ़ गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि ईस्टर्न मेट्रोपॉलिटन बाईपास का कुछ हिस्सा शाम के बाद काफी सुनसान रहता है जिससे आपराधिक घटनाओं की आशंका बनी रहती है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि आरोपितों को जल्द गिरफ्तार कर घटना की पूरी सच्चाई सामने लाई जाएगी। फिलहाल पीड़िता अस्पताल में है और उसकी स्थिति पर चिकित्सक लगातार नजर रखे हुए हैं। यह मामला एक बार फिर शहर में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है और पुलिस अब इसे संवेदनशील मामले के रूप में प्राथमिकता से देख रही है।