Thu, 04 Dec 2025 12:45:19 - By : Palak Yadav
भारतीय सेना में तैनात युवा अधिकारी लेफ्टिनेंट लक्ष्मी नारायण की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु की खबर से मथुरा के मांट क्षेत्र में गहरा शोक व्याप्त है। सूरतगढ़ सैन्य स्टेशन में उनकी पहली पोस्टिंग के कुछ ही महीनों बाद यह घटना सामने आई, जिसने पूरे जनपद को स्तब्ध कर दिया। सैन्य अधिकारियों के अनुसार उनका शव सोमवार शाम सूरतगढ़ में रेस्ट हाउस के भीतर मिला था। घटना की जानकारी परिवार को दी गई, जिसके बाद मंगलवार को परिजन सूरतगढ़ पहुंचे और पोस्टमार्टम के बाद पार्थिव शरीर उन्हें सौंप दिया गया।
बुधवार सुबह जब लेफ्टिनेंट लक्ष्मी नारायण का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव ढकूं पहुंचा, तो हजारों लोग अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़े। गांव की गलियों से लेकर अंतिम यात्रा स्थल तक हर तरफ शोक और सम्मान का माहौल दिखाई दिया। ग्रामीणों ने नम आंखों से अपने युवा वीर को विदाई दी। उनके निधन ने पूरे क्षेत्र को भावनात्मक रूप से झकझोर दिया है, क्योंकि बहुत कम समय में उन्होंने गांव और परिवार का नाम रोशन किया था।
मांट थाना क्षेत्र के निवासी लक्ष्मी नारायण का चयन भारतीय सेना में हुआ था और ट्रेनिंग पूरी करने के बाद 17 सितंबर 2024 को उन्हें पहली पोस्टिंग सूरतगढ़ सैन्य स्टेशन पर मिली थी। वह 287 मीडियम रेजिमेंट में तैनात थे। परिवार और क्षेत्र के लोग बताते हैं कि वे अनुशासन, समर्पण और शांत स्वभाव के लिए जाने जाते थे। सैन्य अधिकारियों द्वारा घटना की जांच शुरू कर दी गई है, लेकिन अभी तक मृत्यु का कारण स्पष्ट नहीं हुआ है।
गांव पहुंचने पर आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में विधायक राजेश चौधरी और एमएलसी योगेश नौहवार सहित कई जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। सेना के जवानों ने पूरे सैन्य सम्मान के साथ सलामी देकर उन्हें अंतिम विदाई दी। गमगीन माहौल में हर आंख नम दिखाई दी और गांव में गहरा सन्नाटा छा गया। अंतिम संस्कार के दौरान तहसीलदार बृजेश कुमार, भाजपा नेता सुशील चौधरी, डॉ वीरेंद्र शर्मा, बहादुर सिंह, मनोज शर्मा और रिटायर्ड कैप्टन कृपाल सिंह भी उपस्थित रहे।
इस दुखद घटना ने परिवार और गांव को अपूरणीय क्षति पहुंचाई है। स्थानीय लोगों ने कहा कि लक्ष्मी नारायण की विदाई न केवल एक परिवार के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए बड़ा नुकसान है। क्षेत्रवासियों ने उम्मीद जताई है कि सेना और प्रशासन घटना की विस्तृत जांच कर जल्द ही सत्य सामने लाएंगे।