Fri, 19 Dec 2025 13:18:49 - By : Palak Yadav
लखनऊ के आलमबाग रेलवे क्षेत्र में मंगलवार को एक बेहद गंभीर और भयावह दृश्य देखने को मिला, जब दो ट्रेनों के आपस में टकराने और बोगियों में आग लगने की सूचना से कुछ समय के लिए अफरा तफरी मच गई। ट्रेन के डिब्बों से बचाओ बचाओ की आवाजें सुनाई दीं और चारों ओर धुआं फैलता नजर आया। सूचना मिलते ही रेलवे सुरक्षा बल, राजकीय रेलवे पुलिस और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की टीमें तुरंत मौके पर पहुंच गईं और बिना समय गंवाए राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया। हालांकि बाद में स्पष्ट हुआ कि यह कोई वास्तविक दुर्घटना नहीं बल्कि उत्तर रेलवे की ओर से आयोजित एक पूर्व नियोजित मॉक ड्रिल थी, जिसका उद्देश्य आपात स्थितियों से निपटने की तैयारियों को परखना था।
मॉक ड्रिल के दौरान दुर्घटना जैसी वास्तविक परिस्थितियां तैयार की गई थीं। ट्रेनों की टक्कर के बाद कुछ बोगियों में आग लगने का दृश्य दिखाया गया। यात्रियों की भूमिका निभा रहे लोगों ने मदद के लिए आवाज लगाई, जिससे हालात पूरी तरह वास्तविक प्रतीत हो रहे थे। एनडीआरएफ के जवानों ने मौके पर पहुंचकर तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए बोगियों की खिड़कियां तोड़ी गईं और ड्रिल मशीन की मदद से डिब्बों की बॉडी को काटा गया। घायलों को प्राथमिक उपचार दिया गया और सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। पूरे अभियान के दौरान सभी एजेंसियों के बीच तालमेल और समन्वय की भी बारीकी से जांच की गई।
उत्तर रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि इस प्रकार की मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य किसी भी संभावित रेल दुर्घटना की स्थिति में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना है। ऐसे अभ्यास से यह आकलन किया जाता है कि आपदा के समय विभिन्न विभाग कितनी तेजी और समन्वय के साथ काम कर सकते हैं। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि मॉक ड्रिल से मिली सीख के आधार पर सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा। रेलवे प्रशासन का कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और भविष्य में भी इस तरह की मॉक ड्रिल नियमित रूप से आयोजित की जाएंगी, ताकि किसी भी आपात स्थिति में जान माल के नुकसान को न्यूनतम किया जा सके।