लखनऊ: विकसित यूपी 2047 अभियान, उच्च शिक्षा को भविष्य की जरूरतों से जोड़ा गया

लखनऊ में उच्च शिक्षा कान्क्लेव आयोजित, विकसित उत्तर प्रदेश 2047 हेतु शिक्षा को संस्कार, रोजगार व तकनीक से जोड़ने पर जोर।

Fri, 21 Nov 2025 10:59:13 - By : Tanishka upadhyay

लखनऊ: विकसित उत्तर प्रदेश 2047 अभियान के तहत आयोजित उच्च शिक्षा कान्क्लेव में राज्य के विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा व्यवस्था को भविष्य की जरूरतों के अनुरूप ढालने पर विस्तृत चर्चा हुई। कार्यक्रम का मुख्य फोकस शिक्षा को संस्कार, रोजगार और आधुनिक तकनीक से जोड़ते हुए युवाओं को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना रहा।

योजना भवन में आयोजित इस कान्क्लेव में उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति विकसित उत्तर प्रदेश की बुनियाद को मजबूत करने का काम कर रही है। इस नीति का लक्ष्य शिक्षा को केवल डिग्री तक सीमित न रखते हुए युवाओं के अंदर संस्कार, कौशल और रोजगार क्षमता विकसित करना है। उन्होंने बताया कि सरकार प्रत्येक मंडल में नए विश्वविद्यालयों की स्थापना कर रही है, जिससे गुणवत्तापूर्ण शिक्षण व्यवस्था को विस्तार मिल रहा है। इसके परिणामस्वरूप प्रदेश के कई विश्वविद्यालयों की राष्ट्रीय रैंकिंग में उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया गया है।

उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी ने कहा कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों ने पिछले वर्षों में चुनौतियों को अवसर में बदला है। उन्होंने कहा कि युवा प्रतिभाओं को पहचानने और उन्हें बेहतर मंच देने में विश्वविद्यालय अहम भूमिका निभा रहे हैं। मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी और डा. जीएन सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश को छह ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के संकल्प में उच्च शिक्षा की भूमिका निर्णायक होगी।

कान्क्लेव में बताया गया कि वर्ष 2047 तक प्रदेश के कम से कम दस विश्वविद्यालयों को विश्व की शीर्ष पांच सौ रैंकिंग में शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए शोध केंद्र, स्टार्टअप हब, नवाचार प्रयोगशालाओं, और उद्योग से बेहतर साझेदारी को बढ़ावा देने पर जोर दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार डा. केवी राजू ने उच्च शिक्षा संस्थानों में एक्शन प्लान आधारित कार्यशैली, मासिक समीक्षा, संचालन में दक्षता, सीएसआर फंडिंग, स्टार्टअप और इनोवेशन सेंटर को सुदृढ़ करने जैसे कई सुझाव दिए। वहीं मुख्यमंत्री के शिक्षा सलाहकार प्रो. डीपी सिंह ने कहा कि तक्षशिला और विक्रमशिला जैसे प्राचीन विश्वविद्यालयों की ऐतिहासिक परंपरा को आधुनिक तकनीक और वैश्विक मानकों के साथ जोड़कर उत्कृष्टता प्राप्त की जा सकती है।

कान्क्लेव में विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, विशेषज्ञ और शिक्षाविद शामिल हुए। सभी ने मिलकर प्रदेश की उच्च शिक्षा को वैश्विक स्तर पर मजबूत बनाने के लिए ठोस सुझाव और रोडमैप पेश किया।

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