Wed, 09 Jul 2025 23:08:16 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी इंदिरा नगर क्षेत्र में बुधवार को दो अज्ञात बदमाशों ने एसी सर्विस का बहाना बनाकर एक घर में घुसकर न सिर्फ लूट की वारदात को अंजाम दिया, बल्कि घर में अकेली महिला पर जानलेवा हमला कर क्षेत्र में दहशत का माहौल पैदा कर दिया। यह घटना राजधानी के भीड़भाड़ वाले इलाके में दिनदहाड़े हुई, जिससे आमजन की सुरक्षा को लेकर पुलिस पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
घटना उस समय हुई जब घर की मालकिन शशि पांडे अकेली थीं। दोपहर के लगभग समय, दो युवक उनके घर पहुंचे और खुद को एसी सर्विस इंजीनियर बताते हुए दरवाजा खुलवाने का प्रयास करने लगे। शशि पांडे ने जब उन्हें बताया कि उन्होंने कोई सर्विस नहीं बुक की है, तो वे दबाव बनाने लगे। कुछ क्षणों की असमंजस के बाद जैसे ही उन्होंने दरवाजा बंद करने की कोशिश की, एक युवक ने उनका गला पकड़ लिया और दूसरे ने उनका सिर दीवार से दे मारा। महिला जब खुद को छुड़ाने का प्रयास करने लगी, तो बदमाशों ने धारदार चाकू से उन पर हमला कर दिया, जिससे उनका गला और कान गंभीर रूप से घायल हो गया। आरोपियों ने पीड़िता से सोने की चेन, कान की बालियां और अंगूठी लूट ली, और फरार हो गए।
घटना के दौरान पीड़िता के चीखने की आवाज सुनकर घर में मौजूद दोनों बेटे, श्रेयांश और यशु, दौड़ते हुए मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक हमलावर भाग चुके थे। घायल महिला को आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।
घटना के तुरंत बाद परिजनों ने पुलिस को 112 पर कॉल किया, लेकिन पीड़ित परिवार का आरोप है कि घटनास्थल से महज सौ कदम की दूरी पर स्थित पुलिस चौकी के बावजूद, पुलिस मौके पर आधे घंटे की देरी से पहुंची। परिजनों ने यह भी बताया कि क्षेत्र में लंबे समय से अराजक तत्वों का जमावड़ा रहता है, जहां खुलेआम नशा किया जाता है। बावजूद इसके, प्रशासन और पुलिस की ओर से कोई सख्ती नहीं दिखाई गई। इस लापरवाही ने बदमाशों के हौसले को और बढ़ावा दिया, जो दिनदहाड़े ऐसी दुस्साहसी वारदात को अंजाम देने में सफल रहे।
गौर करने वाली बात यह है कि यह कोई आकस्मिक वारदात नहीं थी, बल्कि पूरी तरह सुनियोजित लूट थी। परिवार ने बताया कि बीते तीन दिनों से अज्ञात लोग रोजाना घंटी बजाकर यह देख रहे थे कि घर में कोई मौजूद है या नहीं। घर के सामने सेंट डॉमिनिक स्कूल होने के चलते परिवार को यह भ्रम रहा कि ये बच्चे हैं जो गलती से घंटी बजा रहे हैं। बाद में CCTV की गैरमौजूदगी और क्षेत्र में पुलिस की निष्क्रियता ने उनकी आशंका को गलत साबित कर दिया।
पुलिस की ओर से अभी तक कोई ठोस कार्रवाई या गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की गई है। हालाँकि, मामले की गंभीरता को देखते हुए गाजीपुर थाने की पुलिस टीम और वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच की प्रक्रिया प्रारंभ की गई। लेकिन जिस प्रकार से पहले आधे घंटे तक पुलिस ने कोई हरकत नहीं दिखाई, और फिर उच्चाधिकारियों के दबाव में हरकत में आई, उसने पुलिस की तत्परता और सुरक्षा तंत्र की पोल खोल दी है।