लखनऊ: MBA के छात्र ने की खुदकुशी, सुसाइड नोट में लिखी डिप्रेशन की बात

लखनऊ में 21 वर्षीय एमबीए छात्र आर्यन यादव ने परीक्षा में फेल होने के कारण डिप्रेशन में आकर आत्महत्या की।

Sat, 02 Aug 2025 21:03:46 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

लखनऊ: तालकटोरा क्षेत्र के मेहंदी बेग खेड़ा मोहल्ले में शुक्रवार देर रात एक 21 वर्षीय एमबीए छात्र आर्यन यादव ने खुदकुशी कर ली। आर्यन ने अपने पीछे एक मार्मिक सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें लिखा था, "परीक्षा में फेल हो गया हूं, इसलिए डिप्रेशन में हूं। मम्मी-पापा मुझे माफ कर देना..."। इस घटना ने पूरे मोहल्ले को गहरे शोक में डुबो दिया है।

आर्यन, जो मुंबई के कांदिवली क्षेत्र स्थित एक कॉलेज से एमबीए की पढ़ाई कर रहा था, हाल ही में छुट्टियों में घर आया हुआ था। शनिवार की सुबह जब घर के सदस्य सोकर उठे, तो उन्होंने आर्यन को भूतल स्थित आंगन की जाली में रस्सी के सहारे लटका पाया। यह दृश्य देखते ही पूरे परिवार में कोहराम मच गया। आनन-फानन में आर्यन को ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।

पिता सुरेंद्र यादव ने बताया कि आर्यन शुक्रवार को पूरी तरह सामान्य था। उसने पूरे परिवार के साथ रात का खाना खाया और फिर अपने कमरे में चला गया। न तो उसके व्यवहार में कोई असामान्यता दिखी, न ही किसी ने अनुमान लगाया कि वह अंदर ही अंदर इतनी गहरी मानसिक पीड़ा से जूझ रहा है।

आर्यन के परिवार में मां विनीता यादव और छोटा भाई तेजस यादव हैं। वह पूर्व जिला पंचायत सदस्य लल्लू यादव का भतीजा था। परिवार का कहना है कि वह पढ़ाई को लेकर अक्सर गंभीर रहता था, लेकिन इस हद तक डिप्रेशन में है, इसका अंदाजा किसी को नहीं था।

तालकटोरा थाने के प्रभारी निरीक्षक कुलदीप दुबे ने बताया कि मौके से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है जिसमें आर्यन ने एमबीए परीक्षा में असफल होने के कारण मानसिक अवसाद में होने की बात लिखी है। परिजनों ने किसी पर कोई आरोप नहीं लगाया है और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है।

आर्यन की आत्महत्या ने एक बार फिर से युवाओं के बीच बढ़ते मानसिक तनाव और शैक्षणिक दबाव पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि शैक्षणिक असफलता को जीवन की विफलता समझ बैठना आज की युवा पीढ़ी की सबसे बड़ी त्रासदी बनती जा रही है।

घटना के बाद से इलाके में शोक की लहर है और स्थानीय लोग परिवार के प्रति संवेदना प्रकट करने उनके घर पहुंच रहे हैं। वहीं, यह दर्दनाक घटना समाज के लिए भी एक चेतावनी है कि बच्चों की भावनात्मक स्थिति को गंभीरता से समझने की जरूरत है, ताकि समय रहते उन्हें संभाला जा सके और ऐसी त्रासदियों को रोका जा सके।

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