लखनऊ: साइबर ठगी गैंग का भंडाफोड़, 16 सदस्य गिरफ्तार, करोड़ों की नकदी बरामद

लखनऊ पुलिस ने लोटस गेमिंग वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन सट्टा खिलाकर ठगी करने वाले एक साइबर गैंग का भंडाफोड़ किया, 16 सदस्य गिरफ्तार, ₹1,07,50,000 की नकदी बरामद।

Wed, 23 Jul 2025 17:05:34 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

लखनऊ: राजधानी में एक हाई-प्रोफाइल साइबर ठगी गैंग का बड़ा भंडाफोड़ हुआ है, जो लोटस गेमिंग वेबसाइट और मोबाइल ऐप के माध्यम से लोगों को ऑनलाइन बेटिंग गेम में रुपये लगाने का झांसा देकर करोड़ों रुपये की ठगी कर रहा था। गुडंबा थाना क्षेत्र स्थित स्मृति अपार्टमेंट में छापेमारी के दौरान पुलिस ने इस गैंग के 16 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के पास से कुल ₹1,07,50,000 की नकदी, 54 मोबाइल फोन, दो नोट गिनने वाली मशीनें और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए हैं। यह गिरोह बीते चार महीने से लखनऊ में सक्रिय था और देशभर के हजारों लोगों को निशाना बनाकर अब तक करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी कर चुका है।

पुलिस कमिश्नर अमरेंद्र कुमार सेंगर ने इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए बताया कि पूर्वी क्षेत्र के डीसीपी की क्राइम टीम और गुडंबा पुलिस को सूचना मिली थी कि स्मृति अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 403 में रहने वाले कुछ युवक संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त हैं। इस सूचना के आधार पर टीम ने जांच शुरू की और गुप्त निगरानी के बाद यह स्पष्ट हो गया कि आरोपी युवक लोटस गेमिंग नामक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिये सट्टा खिलाकर लोगों से ठगी कर रहे हैं। मंगलवार देर रात दबिश दी गई, जिसमें फ्लैट से 16 आरोपियों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया।

गिरफ्तार किए गए आरोपियों में छत्तीसगढ़ के प्रमोद साहू, साजिद अंसारी, सुहैल अशरफ, टिकैश कुमार, सचिन कुमार, अभय मिश्र, अंश शर्मा, शंकर बाग, विनायक चौहान, मोहन सिंह, विजय साहनी सहित गुजरात निवासी राकेश कुमार, राकेश प्रहलाद, गोविंद भाई मंगलदास प्रजापति और गोविंद भाई का नाम प्रमुख रूप से शामिल है। प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि गिरोह का संचालन विभिन्न राज्यों से किया जा रहा था और इसका नेटवर्क देश के कई हिस्सों तक फैला हुआ है। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि लोटस गेमिंग प्लेटफॉर्म से इनके संबंध किस प्रकार के हैं और क्या इसमें किसी बड़े अंतरराज्यीय सट्टा रैकेट का भी हाथ है।

ठगों का यह पूरा नेटवर्क डिजिटल माध्यमों का उपयोग करता था, जिसमें फर्जी बैंक खातों, ई-वॉलेट्स और फर्जी सिम कार्ड्स के जरिए लेन-देन किया जाता था ताकि पुलिस की निगरानी से बचा जा सके। ये आरोपी सोशल मीडिया और विज्ञापन के माध्यम से लोगों को लुभावने ऑफर देकर लोटस गेमिंग पर अकाउंट खुलवाते थे और फिर सट्टा खिलाने के बहाने लाखों रुपये अपने अकाउंट में जमा करवा लेते थे। जब पीड़ित को पैसे वापस नहीं मिलते, तब उन्हें ब्लॉक कर दिया जाता था।

इस बड़ी कार्रवाई के बाद पुलिस आयुक्त ने पूरी टीम को एक लाख रुपये का नकद इनाम देने की घोषणा की है। फिलहाल पुलिस अब इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों और इसमें शामिल किसी तकनीकी एक्सपर्ट या मास्टरमाइंड की तलाश कर रही है। वहीं यह भी जांच की जा रही है कि इस एप के सर्वर और संचालन का मुख्यालय देश में है या विदेश से इसे नियंत्रित किया जा रहा है।

यह मामला एक बार फिर ऑनलाइन गेमिंग और बेटिंग ऐप्स की आड़ में फल-फूल रहे साइबर अपराध के खतरनाक पहलू को उजागर करता है, जिसमें लोग आसानी से मुनाफे के लालच में फंसकर अपनी मेहनत की कमाई गंवा बैठते हैं। लखनऊ पुलिस की यह कार्रवाई न केवल एक बड़े रैकेट पर अंकुश लगाने में सफल रही है, बल्कि यह भी संकेत देती है कि आने वाले दिनों में इस तरह के ऑनलाइन ठगी के नेटवर्क पर और भी सख्त कदम उठाए जाएंगे।

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