Wed, 26 Nov 2025 13:03:22 - By : Garima Mishra
लखनऊ में उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के मुख्यालय शक्ति भवन के बाहर बुधवार सुबह से भारी तनाव का माहौल देखने को मिला। आउटसोर्सिंग और निविदा व्यवस्था पर काम करने वाले कर्मचारियों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। सुबह होते ही सैकड़ों कर्मचारी शक्ति भवन के सामने इकट्ठा हो गए और सड़क पर कारपेट बिछाकर धरने पर बैठ गए। प्रदर्शनकारियों के बैठते ही शक्ति भवन से आगे जीएसटी ऑफिस की ओर जाने वाला पूरा मार्ग बंद हो गया और आम लोगों की आवाजाही पूरी तरह रुक गई।
कर्मचारी इंकलाब जिंदाबाद और तानाशाही नहीं चलेगी जैसे नारे लगा रहे थे। उनका आरोप है कि वर्षों से सीमित वेतन पर कठिन परिस्थितियों में काम करने के बावजूद विभाग अब उन्हें हटाने की तैयारी कर रहा है। प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों में गुस्से के साथ निराशा भी साफ झलक रही थी।
धरना दे रहे कर्मचारियों का कहना है कि आउटसोर्सिंग और निविदा आधार पर कार्यरत कर्मचारी रोजाना बिजली आपूर्ति से लेकर फील्ड में मरम्मत जैसे कठिन कार्य करते हैं। इसके बावजूद उन्हें केवल 10 हजार से 11 हजार रुपये मासिक वेतन मिलता है। कर्मचारियों का आरोप है कि विभाग अब नए टेंडर के जरिए उन्हें बाहर का रास्ता दिखाने की योजना बना रहा है।
निविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद खालिद ने कहा कि पावर कॉरपोरेशन में भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी बढ़ती जा रही है, जिसका सीधा असर मेहनतकश कर्मचारियों पर पड़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिजली व्यवस्था संभालने में निविदा कर्मचारी सबसे आगे रहते हैं, लेकिन उन्हें सबसे कम वेतन मिलता है और अब नौकरी जाने का खतरा भी बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि पहले किए गए आंदोलनों के बाद 18 हजार रुपये न्यूनतम वेतन तय करने का आदेश जारी जरूर हुआ था, लेकिन उसे कभी लागू नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि यह धरना केवल नौकरी बचाने के लिए नहीं बल्कि मानवीय गरिमा और आर्थिक सुरक्षा के लिए भी है। कर्मचारियों ने मांग की है कि आउटसोर्सिंग कर्मियों पर हो रही छंटनी की प्रक्रिया को तत्काल रोका जाए और सम्मानजनक वेतन लागू किया जाए।
प्रदर्शन बढ़ने पर प्रशासन तुरंत सक्रिय हो गया। शक्ति भवन के बाहर सुबह से ही भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। सुरक्षा कारणों से शक्ति भवन से जीएसटी ऑफिस की ओर जाने वाला रास्ता पूरी तरह सील कर दिया गया। कई अधिकारी मौके पर पहुंचे और कर्मचारियों से बात करने की कोशिश की, लेकिन देर शाम तक धरना समाप्त नहीं हो सका।
प्रदर्शन में बड़ी संख्या में युवा कर्मचारी शामिल रहे, जिन्होंने कहा कि बिजली विभाग के फील्ड कार्य की रीढ़ हम लोग हैं। फिर भी हमारी अनदेखी होती है। यदि सरकार अब भी नहीं जागी तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
लखनऊ में यह प्रदर्शन बिजली विभाग के आउटसोर्सिंग ढांचे और रोजगार सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवालों को एक बार फिर सामने लाता है। बुधवार का पूरा दिन शक्ति भवन इलाके में जाम, नारेबाजी और पुलिस सतर्कता में बीता।