Fri, 25 Jul 2025 22:39:38 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषा विभाग में अध्ययनरत स्नातक अंतिम वर्ष (छठवें सेमेस्टर) के विद्यार्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना जारी की गई है। विभागाध्यक्ष प्रो. राजमुनि ने जानकारी दी है कि इन विद्यार्थियों की मौखिक परीक्षा (मौखिकी) आगामी 28 जुलाई 2025, रविवार को आयोजित की जाएगी। यह मौखिकी पूर्वाह्न 11:00 बजे से हिंदी विभाग में आरंभ होगी।
यह परीक्षा स्नातक पाठ्यक्रम के वृहद शोध परियोजना (Major Project Work) का एक आवश्यक हिस्सा है, जिसमें विद्यार्थी अपने अध्ययन और शोध निष्कर्षों की प्रस्तुति मौखिक रूप से करेंगे। प्रो. राजमुनि ने स्पष्ट किया कि विद्यार्थियों को अपनी शोध परियोजना रिपोर्ट के साथ निर्धारित समय पर विभाग में स्वयं उपस्थित होना अनिवार्य है। गैरहाजिर विद्यार्थियों को परीक्षा से वंचित माना जाएगा और इसके परिणामस्वरूप उनकी डिग्री पूरी होने में विलंब हो सकता है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार, यह मौखिकी मूल्यांकन विद्यार्थियों की शोध क्षमता, प्रस्तुति कौशल, विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण और विषयवस्तु की समझ पर आधारित होगी। परीक्षक विद्यार्थियों से उनके परियोजना विषय पर गहन प्रश्न पूछ सकते हैं, अतः सभी छात्र-छात्राओं को सुझाव दिया गया है कि वे अपनी रिपोर्ट को गहराई से समझें और तैयारी के साथ उपस्थित हों।
इस बार विश्वविद्यालय में शोध परियोजनाओं की गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से विशेष निगरानी और सख्ती बरती जा रही है। कई छात्रों ने समाज, संस्कृति, मीडिया, साहित्यिक विमर्श, और समकालीन हिंदी लेखन जैसे विविध विषयों पर परियोजनाएँ तैयार की हैं, जिनका मूल्यांकन अब मौखिकी के माध्यम से किया जाएगा।
छात्रों को यह भी निर्देशित किया गया है कि वे अपने साथ आवश्यक दस्तावेज जैसे कॉलेज आईडी कार्ड, एडमिट कार्ड तथा प्रिंटेड प्रोजेक्ट रिपोर्ट की दो प्रतियाँ अवश्य लाएं। साथ ही, किसी भी तकनीकी या प्रशासनिक समस्या से बचने के लिए समय से कम से कम आधा घंटा पूर्व विभाग में उपस्थित रहें।
इस परीक्षा के आयोजन को लेकर विभागीय कार्यालय ने सभी व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली हैं और परीक्षा संयोजक को जिम्मेदारी सौंप दी गई है। छात्रों में इसे लेकर उत्साह के साथ-साथ तैयारी का माहौल भी देखा जा रहा है।
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में से एक है, जहां हिंदी और भारतीय भाषाओं के उच्च शिक्षण व शोध को विशेष महत्व दिया जाता है। ऐसे में अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों की मौखिकी परीक्षा उनके शैक्षणिक भविष्य की दिशा तय करने वाली एक अहम कड़ी बनकर सामने आती है।