Mon, 22 Sep 2025 12:34:10 - By : Shriti Chatterjee
भगवान श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा में प्रस्तावित बकरी अनुसंधान केन्द्र को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. सुनील कुमार ने रविवार को गुरुधाम चौराहे पर धरना शुरू किया। उन्होंने इस केन्द्र को सनातन आस्था के विपरीत बताते हुए तत्काल बंद करने की मांग उठाई।
प्रोफेसर सुनील कुमार का कहना है कि मथुरा की पवित्र भूमि सदियों से गोपाल और गोविंद की चर-भूमि के रूप में जानी जाती है। ऐसे स्थान पर बकरी पालन और उससे जुड़ा वैज्ञानिक अनुसंधान न केवल सनातन सिद्धांतों के विपरीत है, बल्कि आस्थावान समाज की भावनाओं को भी गहरी चोट पहुंचाता है। उन्होंने कहा कि गाय को धर्म में मां का दर्जा प्राप्त है और मथुरा की पहचान गौ सेवा और कृष्ण की लीलाओं से है। इस पवित्र भूमि पर बकरी पालन को बढ़ावा देना अनुचित है।
धरने के दौरान प्रोफेसर ने यह भी कहा कि धार्मिक ग्रंथों में बकरी को नकारात्मक ऊर्जा का वाहक माना गया है। उनका तर्क है कि बकरी हिंसा और प्रतिहिंसा का प्रतीक है और इस तरह का अनुसंधान केन्द्र पवित्र मथुरा की भूमि पर स्थापित करना अशुद्ध और आस्था को आहत करने वाला कदम है।
प्रोफेसर ने सरकार से मांग की है कि अविलंब इस बकरी अनुसंधान केन्द्र को बंद किया जाए ताकि मथुरा की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक गरिमा बनी रहे। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया तो विरोध आंदोलन प्रदेशव्यापी रूप ले सकता है।
इस प्रदर्शन में कई स्थानीय लोग और सनातन आस्था से जुड़े कार्यकर्ता भी मौजूद रहे जिन्होंने प्रोफेसर के विचारों का समर्थन किया। उनका कहना था कि मथुरा को गौ आधारित परंपराओं और आध्यात्मिकता का केन्द्र बनाए रखना ही समाज और संस्कृति के हित में है।