Tue, 29 Jul 2025 18:54:19 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
मथुरा: गोवर्धन थाना क्षेत्र स्थित अडींग पुलिस चौकी पर तैनात एक सब इंस्पेक्टर के खिलाफ मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर की गई शिकायत का खामियाजा एक युवक को गंभीर शारीरिक चोटों के रूप में भुगतना पड़ा। पीड़ित परिवार का आरोप है कि शिकायत से नाराज पुलिसकर्मियों ने युवक को बातचीत के बहाने चौकी बुलाकर न केवल गैरकानूनी तरीके से हिरासत में लिया, बल्कि उसकी बेरहमी से पिटाई की, जिससे उसके गुप्तांग भी गंभीर रूप से चोटिल हो गए। घायल युवक को सोमवार को परिजन न्याय की गुहार लगाने एसएसपी कार्यालय लेकर पहुंचे। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार के निर्देश पर युवक को अस्पताल में भर्ती कराकर मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं।
घटना गोवर्धन क्षेत्र के माधुरी कुंड गांव की है, जहां निवासी प्रह्लाद सिंह का लगभग एक माह पूर्व गांव के ही कुछ लोगों से विवाद हुआ था। इस मामले में दूसरे पक्ष की शिकायत पर पुलिस ने प्रह्लाद सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली थी, जो इस समय न्यायालय में विचाराधीन है। प्रह्लाद सिंह का आरोप है कि पुलिस द्वारा लगातार इस मामले में समझौता करने के लिए उन पर दबाव डाला जा रहा था, और ऐसा न करने पर उन्हें थाने में बंद करने की धमकी भी मिल रही थी।
प्रह्लाद के मुताबिक, इसी बीच उनके बेटे बृज किशोर ने अडींग चौकी पर तैनात सब इंस्पेक्टर कपिल नागर के कथित दबाव और धमकियों की शिकायत मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर दर्ज कर दी। आरोप है कि यह शिकायत सब इंस्पेक्टर को नागवार गुज़री और उन्होंने नाराजगी में सोमवार शाम पिता-पुत्र को चौकी बुलाया। वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने बृज किशोर को हिरासत में ले लिया और फिर उसकी बेरहमी से पिटाई की गई। परिजनों का दावा है कि पुलिस ने उसे इस हद तक मारा कि उसके गुप्तांगों में गंभीर चोट आई। हालत बिगड़ने पर खुद पुलिस कर्मियों ने युवक को अस्पताल में भर्ती कराया।
सोमवार को जब युवक की हालत और घटनाक्रम की जानकारी परिजनों को हुई तो वे घायल बृज किशोर को लेकर मथुरा एसएसपी कार्यालय पहुंचे और मामले की शिकायत की। एसएसपी श्लोक कुमार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए घायल युवक को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराने और जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आश्वासन दिया है कि जांच में जो तथ्य सामने आएंगे, उसी के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
उधर, मामले में नामजद सब इंस्पेक्टर कपिल नागर ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उनका कहना है कि 26 जुलाई को बृज किशोर ने पुलिस को सूचना दी थी कि गांव में फायरिंग हो रही है, लेकिन मौके पर पहुंचने पर ऐसा कुछ नहीं मिला। वहां दो पक्षों में मामूली कहासुनी हो रही थी और उनमें से एक पक्ष बृज किशोर का ही था। पुलिस ने जब उससे संपर्क करने की कोशिश की तो उसका मोबाइल बंद मिला। बाद में सोमवार को पूछताछ के लिए उसे और उसके परिजनों को चौकी बुलाया गया था, लेकिन किसी प्रकार की मारपीट नहीं की गई।
कपिल नागर का यह भी कहना है कि युवक को पहले से ही हाइड्रोसिल नामक स्वास्थ्य समस्या है, जिससे उसके गुप्तांगों में सूजन आ जाती है, और यही कारण है कि उसे अस्पताल ले जाना पड़ा। उन्होंने सभी आरोपों को राजनीतिक साजिश और बदनाम करने की कोशिश करार दिया।
फिलहाल, मामला पुलिस विभाग के लिए एक संवेदनशील मुद्दा बन चुका है और जनसुनवाई पोर्टल पर दर्ज शिकायत के बाद हुई इस पूरी घटना की निष्पक्ष जांच ही आगे की कार्रवाई की दिशा तय करेगी। स्थानीय स्तर पर भी मामले को लेकर चर्चा गर्म है और लोगों की निगाहें इस पर टिकी हैं कि मथुरा पुलिस इस मामले में कितनी पारदर्शिता और निष्पक्षता से जांच को अंजाम देती है।