Sun, 07 Dec 2025 00:48:47 - By : SUNAINA TIWARI
मुंबई : भाजपा की राज्यसभा सदस्य मेधा कुलकर्णी ने पुणे छावनी क्षेत्र से जुड़ी एक गंभीर समस्या को उठाते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की और केंद्र सरकार तथा छावनी बोर्ड की जमीन को कथित रूप से अवैध तरीके से वक्फ संपत्ति घोषित किए जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की। यह मामला हाल के दिनों में स्थानीय निवासियों के बीच चर्चा का केंद्र बना हुआ है और आरोप लगाए जा रहे हैं कि जमीन अभिलेखों में हेरफेर कर सरकारी संपत्ति की कानूनी स्थिति बदलने की कोशिश की गई है। कुलकर्णी के अनुसार यह आरोप रक्षा मंत्रालय की भूमि प्रबंधन प्रणाली के लिए भी चुनौती पैदा करते हैं।
मेधा कुलकर्णी ने बताया कि पुणे के कई नागरिकों ने उनसे शिकायत की कि कुछ जगहों पर भूमि अभिलेखों में अनियमितताएं की गई हैं और सरकारी जमीन को वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज कर दिया गया है। उन्होंने इसे गंभीर मुद्दा बताते हुए कहा कि अगर इस तरह का बदलाव बिना किसी वैध प्रक्रिया के किया गया है तो यह न केवल भूमि कानूनों का उल्लंघन है बल्कि सरकारी विभागों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाता है। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट में लिखा कि उन्होंने रक्षा मंत्री से मुलाकात में इस पूरे मामले की तत्काल और समयबद्ध जांच की मांग की है ताकि जमीन की वास्तविक कानूनी स्थिति स्पष्ट हो सके और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जा सके।
बैठक के दौरान कुलकर्णी ने इस बात पर भी जोर दिया कि यदि सरकारी या छावनी बोर्ड की भूमि को अवैध तरीके से किसी अन्य श्रेणी में दिखाया गया है तो यह एक गहरी साजिश हो सकती है और इससे सुरक्षा से जुड़े मामलों पर भी प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इस विषय पर गंभीरता से कदम उठाने चाहिए ताकि भूमि प्रबंधन से संबंधित मौजूदा प्रणाली को किसी प्रकार का नुकसान न पहुंचे।
पुणे के बानेर और कस्बा पेठ जैसे क्षेत्रों में वक्फ संपत्ति से जुड़े घोटालों और सेना की जमीन पर कथित गैरकानूनी कब्जे की शिकायतें लंबे समय से सामने आती रही हैं। आरोप हैं कि कुछ व्यक्तियों ने फर्जी ट्रस्ट बनाकर और नियमों का गलत उपयोग कर जमीनों पर कब्जा किया। इन मामलों में पुणे मुंबई हाइवे के पास स्थित हजरत वली शाह दरगाह की लगभग 18 एकड़ जमीन का विवाद और कस्बा पेठ की पुनर्विकास परियोजना में 135 परिवारों के बेघर होने का मुद्दा भी शामिल है। इन घटनाओं ने स्थानीय लोगों को गहरी चिंता में डाल दिया है और उन्होंने सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है।
फिलहाल रक्षा मंत्रालय इन शिकायतों की प्रारंभिक जानकारी जुटा रहा है और आगे की जांच के लिए संबंधित विभागों से रिपोर्ट मांगी जा सकती है। इस मामले को लेकर आने वाले समय में सरकार की ओर से क्या कदम उठाए जाते हैं, इस पर सबकी नजरें टिकी हैं क्योंकि इसका असर केवल भूमि प्रबंधन पर ही नहीं बल्कि स्थानीय समुदायों पर भी पड़ रहा है।