मेरठ सांसद अरुण गोविल की लोकसभा में मांग, धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था एक समान हो

लोकसभा में मेरठ के सांसद अरुण गोविल ने सभी धार्मिक स्थलों और शिक्षण संस्थानों में एक समान सुरक्षा व्यवस्था लागू करने की मांग की।

Fri, 05 Dec 2025 14:47:02 - By : Tanishka upadhyay

लोकसभा में गुरुवार को मेरठ के सांसद अरुण गोविल ने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाते हुए सभी धार्मिक स्थलों और शिक्षण संस्थानों में एक समान सुरक्षा व्यवस्था लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि देश में मंदिरों, गुरुद्वारों, ज्यादातर शिक्षण संस्थानों और सार्वजनिक स्थलों पर सीसीटीवी लगाने का नियम सख्ती से लागू है, लेकिन मस्जिदों और मदरसों में यह व्यवस्था समान रूप से लागू नहीं की गई है। उनके अनुसार सुरक्षा मानकों में यह असमानता चिंता का विषय है और इसे दूर किया जाना चाहिए।

अरुण गोविल ने सदन में कहा कि सीसीटीवी न केवल सुरक्षा बढ़ाते हैं, बल्कि किसी भी आपराधिक गतिविधि या अनहोनी की स्थिति में जांच को आसान बनाते हैं। उन्होंने बताया कि देश में लगातार बढ़ते जनसमूह और बदलते सुरक्षा परिदृश्यों को देखते हुए सभी सार्वजनिक स्थलों पर एक जैसी व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि मस्जिदें और मदरसे भी सार्वजनिक स्थल हैं, जहां प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग आते हैं। ऐसे में सुरक्षा और पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए वहां कैमरे लगाए जाना जरूरी है।

अपने तर्क को मजबूत करते हुए उन्होंने सऊदी अरब का उदाहरण दिया, जहां मक्का जैसे विश्व के सबसे पवित्र स्थलों पर भी सुरक्षा व्यवस्था के तहत कैमरे लगे हैं। उन्होंने कहा कि जब इस्लाम धर्म के जन्मस्थान में आधुनिक सुरक्षा तकनीकों का उपयोग किया जा सकता है, तो फिर भारत में यह व्यवस्था लागू करने में कोई बाधा नहीं होनी चाहिए।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका प्रस्ताव किसी धर्म या समुदाय के खिलाफ नहीं है, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों की सुरक्षा और शांति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से है। उन्होंने सरकार से समान राष्ट्रीय सुरक्षा नीति बनाने की अपील की, जो सभी धार्मिक और शैक्षणिक संस्थानों पर एक समान रूप से लागू हो, ताकि किसी प्रकार की असमानता या भ्रम की स्थिति न बने।

सांसद ने यह भी कहा कि आधुनिक सुरक्षा उपकरणों का उपयोग आज के समय में जरूरत बन चुका है। सीसीटीवी फुटेज कई बार अपराधों को सुलझाने में महत्वपूर्ण साबित होते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं।

सदन में उनके प्रस्ताव का कई सदस्यों ने समर्थन किया और इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा की जरूरत भी जताई। सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, यदि इस तरह का नियम लागू किया जाता है तो देश की समग्र सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होगी और कई संभावित जोखिमों को रोका जा सकेगा।

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