मिर्जापुर पुलिस ने किया अवैध असलहा तस्करी गिरोह का भंडाफोड़, पांच तस्कर गिरफ्तार

मिर्जापुर में पुलिस ने अवैध असलहा तस्करी के बड़े गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया, हथियार भी बरामद।

Fri, 17 Oct 2025 21:24:43 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

मिर्जापुर: पड़री पुलिस ने अवैध असलहा तस्करी के बड़े गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए शुक्रवार को पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई पुलिस की सतर्कता और खुफिया सूचना पर की गई, जिसमें असलहा खरीद-फरोख्त में लिप्त अपराधियों को धर दबोचा गया। पकड़े गए आरोपियों के पास से पांच पिस्टल, दो तमंचे, दो कारतूस, एक खोखा, पांच मोबाइल फोन और नकद 1750 रुपये बरामद किए गए हैं। पुलिस ने बताया कि इस गिरोह का सरगना सुंदरम उपाध्याय पहले ही पुलिस मुठभेड़ में गिरफ्तार किया जा चुका है।

घटना की जानकारी देते हुए सीओ सदर अमर बहादुर ने बताया कि गुरुवार की देर रात पड़री थाना पुलिस को सूचना मिली कि महुआ पुल, गौरा राजा के पास कुछ युवक असलहा तस्करी के सौदे पर बातचीत कर रहे हैं। सूचना के आधार पर पुलिस की टीम ने तत्काल घेराबंदी की और मौके से पांच संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अंकित पांडेय निवासी लखमापुर कोतवाली देहात, अभिषेक पांडेय निवासी हर्दी सहिजनी थाना जमालपुर, आशीष यादव निवासी सरैया सिकंदपुर, मिलन यादव निवासी दुर्गा बाजार कोतवाली कटरा, और यश पांडेय निवासी राजगढ़ के रूप में हुई है। पुलिस ने उनके पास से दो बुलेट मोटरसाइकिलें भी जब्त की हैं, जिनका इस्तेमाल हथियारों की सप्लाई में किया जा रहा था।

सीओ सदर ने बताया कि पूछताछ में सभी आरोपियों ने एक संगठित आठ सदस्यीय असलहा तस्करी गिरोह का खुलासा किया। इस गैंग का नेतृत्व सुंदरम उपाध्याय करता था, जो मध्य प्रदेश से सस्ते दामों पर अवैध हथियार खरीदकर उन्हें मिर्जापुर और आसपास के जनपदों में ऊंचे दामों पर बेचता था। गैंग के सदस्य असलहों की डिलीवरी और वसूली का काम करते थे। पुलिस के अनुसार, गिरोह पिस्टल को 30 से 50 हजार रुपये में तथा तमंचे को 5 से 7 हजार रुपये में बेचता था। बिक्री से होने वाली रकम को सभी सदस्य आपस में बांट लेते थे।

पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि सुंदरम उपाध्याय के खिलाफ विभिन्न थानों में कुल सात आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। इनमें जीआरपी, कछवां और पड़री थाना क्षेत्र शामिल हैं। वहीं आरोपी अंकित पांडेय के खिलाफ कटरा, देहात और कछवां थानों में 11 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। इसके अलावा आशीष यादव पर दो और अभिषेक पांडेय पर एक मामला दर्ज पाया गया है।

गिरफ्तार यश पांडेय के बारे में पुलिस ने बताया कि उसका राजगढ़ क्षेत्र में भूमि विवाद चल रहा था। उसने अपने विपक्षियों को डराने और धमकाने के लिए पिस्टल खरीदी थी। पुलिस ने बताया कि गिरोह के सदस्य शहर के कई युवकों से जुड़े हुए थे, जो रौब जमाने और प्रभाव दिखाने के लिए पिस्टल खरीदते थे। इस तरह यह नेटवर्क युवाओं को अपराध के दलदल में धकेल रहा था।

पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत यह कार्रवाई की गई। पुलिस अब गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों की तलाश में छापेमारी कर रही है। सीओ सदर अमर बहादुर ने बताया कि गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों से लगातार पूछताछ जारी है ताकि असलहा तस्करी के पूरे नेटवर्क को उजागर किया जा सके।

उन्होंने कहा कि मिर्जापुर पुलिस अपराध पर नकेल कसने के लिए लगातार सख्त कार्रवाई कर रही है और अवैध असलहा तस्करी में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। विश्वस्त सूत्रों से पता चला है, कि पुलिस टीम में शामिल अधिकारियों को इस सफल ऑपरेशन के लिए पुरस्कृत किए जाने की भी संभावना जताई जा रही है।

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