Tue, 23 Sep 2025 14:09:42 - By : Garima Mishra
मिर्जापुर जिले के चुनार के सहसपुरा निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक राजनाथ सिंह एक बड़े साइबर ठगी का शिकार हुए हैं। पीड़ित ने साइबर थाने में तहरीर देकर शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और ठगी के रास्तों का पता लगाने के प्रयास कर रही है।
पीड़ित राजनाथ सिंह ने बताया कि सेवानिवृत्ति के बाद वे ऑनलाइन माध्यम से काम की तलाश कर रहे थे। लगभग एक साल पहले फेसबुक के जरिए उनकी एक महिला एना अफोंसो से दोस्ती हुई। महिला ने उन्हें रियल स्टेट में पांच लाख पाउंड निवेश करने का लालच दिया और धीरे-धीरे शिक्षक को अपने जाल में फंसा लिया। पांच लाख पाउंड के डिमांड ड्राफ्ट में तकनीकी समस्या होने के बहाने पीड़ित को यह विश्वास दिलाया गया कि राशि रिजर्व बैंक में जमा कर दी गई है। इसके बाद विभिन्न खातों और विभागों के नाम पर कई किस्तों में कुल डेढ़ करोड़ रुपये जमा कराए गए।
राजनाथ सिंह ने बताया कि महिला ने खुद को ब्रिटिश नागरिक बताया और कहा कि वह भारत में रियल इस्टेट में निवेश करना चाहती है। उसने चार अक्तूबर 2024 को संदेश भेजा कि वह मुंबई के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर है। इसके बाद उसने डिमांड ड्राफ्ट के कैश कराने में तकनीकी समस्या का हवाला दिया और बताया कि इसे फॉरेन रेमिटेंस विभाग में जमा किया गया है।
सात अक्तूबर 2024 को पीड़ित को ईमेल आया जिसमें लिखा गया कि उनके नाम से डिमांड ड्राफ्ट जमा किया गया है और इसके लिए करेंसी कंवर्जन शुल्क जमा करना आवश्यक है। इसके बाद नियमित रूप से अलग-अलग विभागों के नाम से फोन और ईमेल आते रहे, जिसमें नए-नए शुल्क जमा कराने की मांग की जाती रही।
पीड़ित ने यह भुगतान साढ़े चार बीघा जमीन बेचकर और अन्य लोगों से उधार लेकर किया। कुल मिलाकर उन्होंने अपने खाते से डेढ़ करोड़ रुपये ठगी करने वाली महिला को भेजे। इसके बाद जब उन्हें संदेह हुआ, तो उन्होंने अपने अधिवक्ता से संपर्क किया और मामला सामने आया।
साइबर पुलिस इस ठगी की जांच में जुटी है और ऑनलाइन ठगी के सभी पहलुओं को ट्रैक कर रही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए अधिकारी लोगों से सतर्क रहने की चेतावनी भी दे रहे हैं, खासकर ऐसे निवेश और ऑनलाइन लेनदेन में जिनमें विदेशी व्यक्तियों की ओर से लालच दिया जाता हो।