Wed, 05 Nov 2025 18:44:52 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: कैंट विधानसभा के यशस्वी व जनप्रिय विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय जनसंपर्क कार्यालय, गुरुधाम में आयोजित नियमित जनसुनवाई के दौरान नागरिकों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और प्रत्येक शिकायत पर तत्परता से कार्यवाही के निर्देश दिए। हर बुधवार की तरह इस बार भी जनसुनवाई में लोगों की भारी भीड़ उमड़ी, जो अपने जनप्रतिनिधि पर भरोसा जताते हुए अपनी समस्याओं को लेकर पहुँचे थे।
सुबह 11 बजे से शुरू होकर दोपहर 2 बजे तक निरंतर चलने वाली इस जनसुनवाई में वाराणसी के विभिन्न क्षेत्रों से आए नागरिकों ने व्यक्तिगत, सामाजिक व क्षेत्रीय मुद्दों को उठाया। विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने प्रत्येक प्रकरण पर ध्यानपूर्वक सुनवाई करते हुए कहा कि “जनता की समस्या का समाधान करना मेरा कर्तव्य ही नहीं, बल्कि सेवा का अवसर है।” उनके इस भावपूर्ण वक्तव्य ने उपस्थित जनसमूह का मन मोह लिया।
जनसुनवाई के दौरान भगवानपुर लंका की निवासी नीलम सेठ ने अपनी व्यथा साझा की कि उनके पति ने बैंक ऑफ बड़ौदा से लोन लिया था, जिसकी किस्तें वे नियमित रूप से भरती रहीं। लेकिन कोविड-19 महामारी के दौरान पति के असमय निधन के बाद परिवार आर्थिक संकट में आ गया। वर्तमान में वे 10,000 रुपये प्रतिमाह जमा कर रही हैं, फिर भी बैंक की ओर से घर नीलाम करने का दबाव बनाया जा रहा है। स्थिति की गंभीरता को समझते हुए विधायक श्रीवास्तव ने बैंक ऑफ बड़ौदा के महाप्रबंधक को तत्काल जनहित में सहानुभूतिपूर्ण कार्यवाही करने और किस्त को आसान शर्तों में पुनर्गठित करने का निर्देश दिया।
इसी क्रम में गोलाघाट वार्ड की पार्षद श्रीमती मोनिका यादव ने अपने क्षेत्र में एक पार्क निर्माण की आवश्यकता पर विधायक का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने बताया कि बच्चों और बुजुर्गों के लिए कोई सार्वजनिक स्थान न होने से स्थानीय लोगों को कठिनाई होती है। विधायक ने इस पर गंभीर रुख अपनाते हुए उपजिलाधिकारी (सदर), वाराणसी को तत्काल स्थल निरीक्षण कर आवश्यक जनहित कार्यवाही करने के निर्देश दिए, ताकि शीघ्र ही उस क्षेत्र में एक सुंदर पार्क का निर्माण संभव हो सके।
वहीं, गणेशपुरी कॉलोनी की ललिता शास्त्री ने अपनी जीवन-परिस्थितियों को साझा करते हुए कहा कि वे तलाकशुदा महिला हैं और अब तक अपनी माता की पेंशन पर ही गुजारा कर रही थीं। माता के निधन के बाद पेंशन बंद हो जाने से उनके सामने जीवनयापन की समस्या उत्पन्न हो गई है। उन्होंने विधायक से अनुरोध किया कि उन्हें अनुकंपा के आधार पर पेंशन की सुविधा दिलाई जाए। विधायक श्रीवास्तव ने इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के कुलसचिव को पत्र लिखकर मानवता व सहानुभूति के आधार पर उचित निर्णय लेने का आग्रह किया।
इस जनसुनवाई में एक बार फिर यह सिद्ध हो गया कि विधायक सौरभ श्रीवास्तव न केवल जनता की आवाज सुनते हैं, बल्कि तत्काल समाधान के लिए प्रशासनिक मशीनरी को सक्रिय करने में भी अग्रणी हैं। उनके निर्देशों में जिस संवेदनशीलता और दृढ़ता का मेल दिखा, उसने उपस्थित लोगों के मन में एक नई आशा का संचार किया।
जनसुनवाई में कुशाग्र श्रीवास्तव भी विधायक के साथ उपस्थित रहे और आने वाले नागरिकों का पंजीकरण व व्यवस्थापन संभालते नजर आए। पूरे आयोजन के दौरान जनता में अत्यंत उत्साह और संतोष का भाव देखा गया।
जनता ने इस पहल को “वास्तविक जनसेवा का जीवंत उदाहरण” बताया। कई लोगों ने कहा कि जनसुनवाई में न केवल समस्याओं को सुना जाता है, बल्कि समाधान की दिशा में ठोस कदम भी उठाए जाते हैं। यही कारण है कि हर सप्ताह गुरुधाम स्थित यह कार्यालय जनआस्था का केंद्र बन चुका है।
जनसुनवाई के अंत में विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने कहा, कि "जनता की तकलीफ को समझना और उसका निवारण करना ही मेरा संकल्प है। हर नागरिक को यह विश्वास होना चाहिए कि उसका प्रतिनिधि हर स्थिति में उसके साथ खड़ा है।"
उनकी यह प्रतिबद्धता वाराणसी कैंट विधानसभा को निरंतर विकास और सुशासन के पथ पर आगे बढ़ा रही है। गुरुधाम जनसंपर्क कार्यालय एक बार फिर यह संदेश दे गया। जहाँ जनता की सुनवाई होती है, वहीं सच्चे जनप्रतिनिधि का स्वरूप जीवंत होता है।