वाराणसी: विधायक सौरभ श्रीवास्तव की जनसुनवाई में हुआ समस्याओं का समाधान

वाराणसी कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने शिवाजी नगर कार्यालय में जनसुनवाई की, जहाँ आम जनता की समस्याओं का तुरंत समाधान किया गया।

Fri, 01 Aug 2025 22:41:56 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

वाराणसी: शहर की घनी गलियों और जीवंत मोहल्लों से उठती आम जनता की पीड़ा, जब किसी प्रतिनिधि के दरबार तक बिना रोक- टोक पहुंचती है, और वहां केवल सुनवाई नहीं, समाधान भी मिलता है। तब लोकतंत्र की असली तस्वीर सामने आती है। कुछ ऐसा ही दृश्य शुक्रवार को वाराणसी कैंट क्षेत्र के विधायक सौरभ श्रीवास्तव के शिवाजी नगर स्थित जनसंपर्क कार्यालय में देखने को मिला, जहां सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक चली साप्ताहिक जनसुनवाई में बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिकों ने अपनी व्यथाएं लेकर सीधे अपने जनप्रतिनिधि के समक्ष उपस्थित होकर न्याय की उम्मीद जताई।

गर्म मौसम और भीड़ के बावजूद लोग संयम से अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे, क्योंकि उन्हें विश्वास था कि यहां से निराश होकर कोई नहीं लौटेगा। विधायक श्रीवास्तव न केवल प्रत्येक व्यक्ति की बात गंभीरता से सुनते दिखाई दिए, बल्कि तुरंत संबंधित अधिकारियों से संपर्क कर समाधान की प्रक्रिया भी शुरू करवा रहे थे। इस सजीव संवाद का असर लोगों के चेहरों पर साफ झलक रहा था।

एक-एक समस्या, सीधा समाधान

बिरदोपुर निवासी निलेश सिन्हा ने जब क्षेत्र में लगातार सीवर ओवरफ्लो की समस्या को उठाया, तो विधायक ने मौके पर ही जलकल विभाग के महाप्रबंधक से बात की और निर्देश दिया कि समस्या को आज ही हल किया जाए। उन्होंने स्पष्ट कहा "जनस्वास्थ्य से जुड़ी किसी भी समस्या में देरी अस्वीकार्य है।"

रानीपुर के अमित कुमार ने गली चौड़ीकरण के दौरान लिए गए ज़मीन के मुआवज़े की शिकायत की, जिस पर विधायक ने नगर आयुक्त को जांच के आदेश देते हुए कहा कि किसी भी नागरिक के अधिकार का हनन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने विभाग को सात दिनों के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

सिगरा निवासी रजत जायसवाल ने अवैध निर्माण का मुद्दा उठाया जो पैदल चलने वालों के लिए गंभीर समस्या बन गया था। इस पर विधायक ने जिलाधिकारी से तुरंत कार्रवाई करने को कहा और चेतावनी दी कि प्रशासनिक ढिलाई की स्थिति में स्वयं निरीक्षण करेंगे।

लहरतारा के पप्पू प्रसाद का मामला भावनात्मक था— सड़क चौड़ीकरण के दौरान उनका घर टूट गया, लेकिन आज तक मुआवजा नहीं मिला। इस पर विधायक ने एसडीएम (सदर) को तत्काल जांच कर मुआवजे की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश देते हुए कहा, "किसी के सिर से छत छीन ली जाए और वो न्याय के लिए भटकता रहे, यह स्थिति बर्दाश्त नहीं की जा सकती।"

'जनता का दरबार, समाधान की गारंटी'

जनसुनवाई के इस पूरे आयोजन में सबसे विशेष बात यह रही कि प्रत्येक शिकायत को कागजों तक सीमित नहीं रखा गया। विधायक ने हर एक प्रकरण में व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करते हुए अपने टीम सदस्यों, कुशाग्र, अभिषेक और वैभव के माध्यम से फॉलोअप सुनिश्चित कराया। यह नजारा आम जनप्रतिनिधियों से कुछ अलग था। जहां समस्या आने पर न केवल नोट किया गया, बल्कि समाधान की पहली ईंट उसी क्षण रख दी गई।

जनता का विश्वास और विधायक की प्रतिबद्धता

कार्यक्रम में शामिल नागरिकों ने खुले शब्दों में विधायक के इस प्रयास की सराहना की। स्थानीय निवासी संगीता त्रिपाठी ने कहा, "पहली बार लग रहा है कि एक विधायक सिर्फ भाषण देने वाला नहीं, बल्कि सुनने और कुछ करने वाला भी हो सकता है।" वहीं एक बुजुर्ग ने भावुक होकर कहा, "हमारे जीवन में पहली बार किसी नेता ने खुद कुर्सी से उठकर हमारी बात सुनी है।"

विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने कार्यक्रम के अंत में स्पष्ट शब्दों में कहा कि "मैं केवल जनप्रतिनिधि नहीं, जनता का सेवक हूं। मेरी प्राथमिकता यही है कि कोई भी नागरिक खुद को अकेला या बेबस महसूस न करे। जब तक एक भी समस्या बाकी है, मेरी जिम्मेदारी अधूरी है।"

वाराणसी में जब जनप्रतिनिधि जनसंपर्क कार्यालय को केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि सेवा का माध्यम बनाएं, तब एक नई राजनीतिक संस्कृति जन्म लेती है। विधायक सौरभ श्रीवास्तव की यह जनसुनवाई न केवल लोगों की समस्याओं का समाधान बनी, बल्कि एक संदेश भी छोड़ गई। "राजनीति यदि सेवा का रूप ले, तो व्यवस्था अपने आप बदल सकती है।

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