Sat, 29 Nov 2025 23:05:56 - By : SUNAINA TIWARI
मुजफ्फरपुर : शनिवार को अतिक्रमण हटाने के अभियान के दौरान स्थिति अचानक तनावपूर्ण हो गई जब मात्र तीन महिला पुलिस बल के साथ माडीपुर रोड पर पहुंचे नगर निगम के दल पर अतिक्रमणकारियों ने हमला कर दिया। निगम की टीम सड़क किनारे बने अवैध निर्माणों को हटाने पहुंची थी, लेकिन वहां मौजूद लोगों ने उनका विरोध करते हुए अचानक पथराव शुरू कर दिया। हमला इतना तेज था कि अभियान में शामिल जेसीबी मशीन के चक्कों की हवा निकाल दी गई और चालक के साथ धक्का मुक्की की गई। पत्थरबाजी में जेसीबी का शीशा भी टूट गया। स्थिति बिगड़ते ही चालक और निगम कर्मियों ने खुद को बचाने के लिए वहां से भागकर अधिकारियों को फोन पर घटना की जानकारी दी। मौके पर अफरातफरी फैल गई और कुछ ही पलों में सड़क का माहौल पूरी तरह तनावपूर्ण हो गया।
सूचना मिलते ही भारी पुलिस बल, एसडीओ पूर्वी तुषार कुमार और टाउन डीएसपी सुरेश कुमार मौके पर पहुंचे। काजी मोहम्मदपुर थाना पुलिस और यातायात डीएसपी भी तुरंत वहां पहुंच गए। अधिकारियों के पहुंचने से पहले हंगामा करने वाले लोग मौके से फरार हो गए। इसके बाद जेसीबी मशीन के टायर को खोलकर दूसरी मशीन की मदद से हवा भरवाई गई। इस मरम्मत में करीब एक घंटा लग गया जिससे अभियान अस्थायी रूप से रुक गया। स्थिति नियंत्रित होने के बाद निगम की टीम ने फिर से अभियान शुरू किया और पावर हाउस चौक तक सड़क के दोनों तरफ बने कई अवैध निर्माणों को हटाया। प्रशासन की कड़ी कार्रवाई देखकर फुटपाथी दुकानदारों में डर साफ नजर आया और कई लोगों ने तत्काल अपनी दुकानें समेट लीं।
नगर निगम के अभियान प्रभारी मनोज कुमार ने बताया कि जैसे ही टीम माडीपुर चौक से आगे सड़क किनारे बनी अवैध झोपड़ियों को हटाने पहुंची, दर्जनों की संख्या में लोगों ने विरोध करते हुए हमला कर दिया। उन्होंने कहा कि इन झोपड़ियों के कारण हर दिन सड़क पर जाम की स्थिति बनती है और आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। अभियान के दौरान शामिल तीन महिला पुलिसकर्मी भी अचानक हुए हमले को रोक नहीं सकीं और विरोध की तीव्रता के कारण उन्हें पीछे हटना पड़ा। अधिकारियों ने कहा कि सरकारी कार्य में बाधा डालने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और उन्हें किसी भी स्थिति में छोड़ा नहीं जाएगा।
अतिक्रमण हटाने के दौरान नगर निगम की टीम पर बार बार हो रहे हमलों ने कर्मचारियों में भय पैदा कर दिया है। इससे पहले कंपनीबाग क्षेत्र में भी टीम को विरोध का सामना करना पड़ा था जहां विरोध करने वालों ने निगम के वाहन को नुकसान पहुंचाया था और चालक के साथ बदसलूकी की थी। इसी तरह छाता बाजार और मोतीझील पुल के नीचे भी अतिक्रमण हटाने के दौरान निगम कर्मियों पर हमला हो चुका है। निगम कर्मचारियों का कहना है कि हर बार पुलिस बल की कमी के कारण उन्हें जीवन बचाने के लिए अभियान स्थल से भागना पड़ता है। इस स्थिति ने कर्मचारियों में असुरक्षा की भावना को और बढ़ा दिया है और अब वे पर्याप्त पुलिस सुरक्षा के बिना किसी भी अभियान को चलाने से डर रहे हैं।