Fri, 31 Oct 2025 13:23:32 - By : Tanishka upadhyay
उत्तर प्रदेश में कंपनियों से जुड़ा एक बड़ा प्रशासनिक बदलाव होने जा रहा है। अब रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) का कार्यालय केवल कानपुर तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसका नया कार्यालय नोएडा में भी खोला जाएगा। केंद्र सरकार ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है और यह नया कार्यालय 1 जनवरी 2026 से संचालन में आ जाएगा। इस कदम से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 17 जिलों को सीधा लाभ मिलेगा और कानपुर स्थित मौजूदा कार्यालय पर कार्यभार में उल्लेखनीय कमी आएगी।
वर्तमान में कानपुर कार्यालय पूरे प्रदेश की कंपनियों से जुड़े कार्यों की निगरानी करता है। नए प्रावधान के तहत अब नोएडा कार्यालय को आगरा, अलीगढ़, बागपत, बुलंदशहर, एटा, फिरोजाबाद, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, हापुड़, हाथरस, कासगंज, मैनपुरी, मथुरा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर और शामली जिलों की कंपनियों का कार्यभार सौंपा जाएगा। इन जिलों में तेजी से औद्योगिक गतिविधियां बढ़ रही हैं और नई कंपनियों का पंजीकरण भी लगातार हो रहा है, जिसके चलते यह निर्णय अत्यंत आवश्यक माना जा रहा था।
आरओसी कार्यालय कंपनियों से संबंधित कई महत्वपूर्ण कार्य करता है, जिनमें नई कंपनियों का पंजीकरण, मर्जर रिपोर्ट पर स्वीकृति, आईपीओ अनुमोदन, कंपनी विस्तार की मंजूरी, प्रमाणित कागजात जारी करना और कंपनियों की अनुपालन स्थिति की जांच शामिल है। फिलहाल ये सभी कार्य कानपुर से पूरे प्रदेश के लिए संचालित किए जाते हैं, जिससे कानपुर कार्यालय पर अत्यधिक कार्यभार रहता है। अब नोएडा में कार्यालय खुलने से निरीक्षण, पूछताछ और जांच जैसे प्रशासनिक कार्य और भी सहज व तेज़ हो जाएंगे।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों की कंपनियों के लिए यह कदम राहत की खबर लेकर आया है। अब इन जिलों के कंपनी प्रतिनिधियों को किसी भी औपचारिकता के लिए कानपुर की यात्रा नहीं करनी पड़ेगी। इससे समय और संसाधन दोनों की बचत होगी और प्रशासनिक पारदर्शिता में भी सुधार आएगा।
भारतीय कंपनी सचिव संस्थान (आईसीएसआई) के कानपुर चैप्टर के पूर्व चेयरमैन गोपेश साहू ने कहा कि प्रदेश में दो आरओसी कार्यालय होने से कार्य विभाजन सुचारू होगा। उन्होंने कहा कि यह निर्णय कंपनियों के हित में है क्योंकि इससे निरीक्षण और पूछताछ की प्रक्रिया तेज़ होगी और कंपनियों को त्वरित सेवा प्राप्त होगी।
नोएडा कार्यालय के शुरू होने से राज्य में औद्योगिक ढांचा और अधिक मजबूत होगा। यह कदम उत्तर प्रदेश में निवेश माहौल को और आकर्षक बनाएगा तथा नई कंपनियों को व्यवसायिक कार्यों में प्रशासनिक सहायता प्रदान करेगा। उद्योग जगत में इसे एक सकारात्मक और दूरदर्शी पहल के रूप में देखा जा रहा है जो प्रदेश की आर्थिक प्रगति में अहम भूमिका निभाएगी।