पवन सिंह पर बड़ी खबर, नहीं लड़ेंगे बिहार विधानसभा चुनाव, कल PK से मिली थीं पत्नी ज्योति सिंह

भोजपुरी स्टार पवन सिंह ने सोशल मीडिया पर ऐलान किया कि वह बिहार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे और किसी पार्टी में शामिल नहीं हुए हैं।

Sat, 11 Oct 2025 11:50:58 - By : Aakash Tiwari (Mridul)

वाराणसी: भोजपुरी सिंगर और अभिनेता पवन सिंह ने शनिवार को सोशल मीडिया के माध्यम से बड़ा ऐलान किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि वो बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए किसी पार्टी में शामिल नहीं हुए हैं और भविष्य में भी चुनाव लड़ने का उनका कोई इरादा नहीं है। पवन सिंह ने कहा, 'मैं पवन सिंह अपने भोजपुरिया समाज को बताना चाहता हूं कि मैंने बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए पार्टी जॉइन नहीं किया था, ना ही मुझे विधानसभा चुनाव लड़ना है। मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूं और रहूंगा।'

इस ऐलान से एक दिन पहले उनकी पत्नी ज्योति सिंह ने जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर से मुलाकात की थी। 20 मिनट की इस मुलाकात में उन्होंने कहा था कि मेरे साथ अन्याय हुआ है और ऐसा किसी अन्य महिला के साथ नहीं होना चाहिए। पवन सिंह का राजनीतिक सफर चर्चा का विषय रहा है। वे पहली बार 2017 में भाजपा में शामिल हुए थे, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी के खिलाफ जाकर काराकाट से निर्दलीय चुनाव लड़े। इस कारण 22 मई 2024 को भाजपा ने उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया था। उस समय वे प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य थे।

हाल ही में दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद पवन सिंह की भाजपा में वापसी की चर्चाएं तेज हो गई थीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे कभी भाजपा से दूर नहीं गए थे, केवल परिस्थितियां अलग थीं। उनकी वापसी से शाहाबाद क्षेत्र की 22 विधानसभा सीटों पर भाजपा को लाभ मिलने की संभावना जताई जा रही है।

भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह 30 सितंबर को भाजपा में लौटे। उनकी वापसी भाजपा के बिहार प्रभारी विनोद तावड़े ने कराई। इस अवसर पर पवन सिंह तावड़े और भाजपा नेता ऋतुराज सिन्हा के साथ राष्ट्रीय लोक मोर्चा सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा से भी मिलने दिल्ली गए और आशीर्वाद प्राप्त किया। इसके बाद गृह मंत्री अमित शाह से लगभग 20 मिनट तक मुलाकात की गई।

राजनीति में सक्रिय होने से पहले पवन सिंह ने बिजनेस टायकून अशनीर ग्रोवर के रियलिटी शो 'राइज एंड फॉल' को भी छोड़ दिया था। उन्होंने कहा था कि उनकी जनता ही उनका भगवान है और चुनाव के समय उनका फर्ज है कि वे जनता के बीच रहें।

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