Sat, 02 Aug 2025 14:43:13 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी, 2 अगस्त: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से पूर्वांचल के विकास को एक नया आयाम देते हुए करोड़ों रुपये की परियोजनाओं की सौगात दी। सावन मास में रक्षाबंधन पर्व के पूर्व यह दौरा न केवल भावनात्मक रूप से विशेष रहा, बल्कि विकास और जनकल्याण की दृष्टि से भी ऐतिहासिक साबित हुआ। जनसभा स्थल सेवापुरी विधानसभा क्षेत्र के बनौली गांव (कालिका धाम) में आयोजित कार्यक्रम के दौरान पीएम ने करीब 2183.45 करोड़ रुपये की 52 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इनमें सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, खेल, पर्यटन और आधारभूत ढांचे से जुड़ी परियोजनाएं शामिल रहीं। इसके अतिरिक्त दिव्यांगजनों और वृद्धों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री ने उन्हें विभिन्न सहायक उपकरण भी वितरित किए।
कार्यक्रम में मंच से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष रूप से दृष्टिबाधित छात्रा बबली कुमारी को लो विजन चश्मा, रग्बी खिलाड़ी संतोष कुमार पांडेय को स्पेशल व्हीलचेयर, विकास कुमार पटेल को एक्टिव होल्डिंग व्हीलचेयर, किशुन को श्रवण यंत्र और सीता कुमार पाल को ट्राई साइकिल प्रदान की। उपकरण वितरण के समय पीएम मोदी ने मुस्कुराते हुए कहा, “आप सुनकर बताइएगा कि कैसा लग रहा है।” यह दृश्य उपस्थित जनसमूह के लिए भावनात्मक रूप से काफी प्रभावशाली रहा, जिसमें प्रधानमंत्री की मानवीय संवेदनाएं स्पष्ट रूप से झलकीं।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 20वीं किस्त भी देशभर के किसानों को समर्पित की। इस चरण में देश के 9.70 करोड़ से अधिक पात्र किसानों के खातों में 20,500 करोड़ रुपये की राशि स्थानांतरित की गई। उन्होंने मंच से विशेष रूप से किसान भाइयों को प्रणाम करते हुए कहा, “काशी की जनता तो मेरे लिए भगवान समान है और देश के अन्नदाता मेरे दिल के सबसे करीब। आज काशी से देश के लाखों किसानों से संवाद का अवसर मिला है, यह मेरे लिए किसी सौभाग्य से कम नहीं है।”
प्रधानमंत्री का यह 51वां वाराणसी दौरा था, जो सावन मास के आध्यात्मिक वातावरण में विशेष रूप से भावनात्मक रहा। उन्होंने 11:26 बजे अपने भाषण की शुरुआत करते हुए काशीवासियों को भोजपुरी में संबोधित किया,"नम: पार्वती पतये हर-हर महादेव। सावन के पावन महीने में आज हमके काशी के हमरे परिवार के लोगन से मिले के अवसर मिलल हाै। हम काशी के हर परिवारजन के प्रणाम करत हई।” उन्होंने यह भी कहा कि सावन मास में काशी जैसे पावन स्थल पर देश के किसानों से जुड़ना एक बड़े सौभाग्य का कार्य है।
अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का भी ज़िक्र किया, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी। उन्होंने भावुक स्वर में कहा कि उस घटना से उनका दिल बहुत व्यथित हुआ था और वे बाबा विश्वनाथ से प्रार्थना कर रहे थे कि सभी पीड़ित परिवारों को इस दुख को सहने की शक्ति मिले। उन्होंने कहा, “मैंने अपनी बेटियों के सिंदूर का बदला लेने का जो वचन दिया था, वो भी पूरा हुआ। यह महादेव के आशीर्वाद से ही संभव हुआ है।”
पीएम मोदी ने काशी में सावन के इस समय शिवभक्तों की तस्वीरों को देखते हुए आनंद व्यक्त किया और कहा कि गंगा जल लेकर शिवभक्तों की यात्रा को देखकर उन्हें आध्यात्मिक सुकून मिलता है। उन्होंने यादव समाज के 'गौरी केदारेश्वर' गंगाजल यात्रा का विशेष रूप से उल्लेख किया और कहा कि जब कंधे पर गंगाजल लिए यादव बंधु बाबा के दर्शन के लिए निकलते हैं तो वह दृश्य अत्यंत भव्य और भावुक करने वाला होता है।
प्रधानमंत्री ने मंच से बाबा विश्वनाथ और मार्कंडेय धाम को प्रणाम करते हुए कहा कि उन्हें स्वयं वहां जाने की इच्छा थी, लेकिन उनकी यात्रा से भक्तों को असुविधा हो सकती थी, इसीलिए उन्होंने मंच से ही भोलेनाथ और मां गंगा को नमन किया। कार्यक्रम का समापन प्रधानमंत्री के काशी के प्रति प्रेम, पूर्वांचल के विकास हेतु प्रतिबद्धता और देश के किसानों, दिव्यांगों व वंचित वर्गों के सशक्तिकरण के संकल्प की एक सशक्त छवि के साथ हुआ।
इस जनसभा में हजारों की संख्या में लोग उपस्थित रहे और प्रधानमंत्री के हर शब्द पर बार-बार तालियों की गूंज सुनाई दी। इससे यह स्पष्ट हो गया कि काशीवासियों और पूर्वांचल की जनता के दिल में प्रधानमंत्री मोदी के प्रति अगाध श्रद्धा और विश्वास है।