राष्ट्रपति मुर्मू ने राफेल फाइटर जेट में भरी उड़ान, वायुसेना की शक्ति का किया अनुभव

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अंबाला में राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरकर वायुसेना की क्षमता और आधुनिक शक्ति का अनुभव किया।

Thu, 30 Oct 2025 11:16:31 - By : Palak Yadav

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरकर भारतीय वायुसेना की क्षमता, साहस और आधुनिक तकनीकी शक्ति का प्रत्यक्ष अनुभव किया। यह उड़ान न केवल देश की वायु शक्ति का प्रतीक बनी बल्कि उन सभी भारतीयों के लिए गर्व का क्षण भी रही जिन्होंने देश की सुरक्षा व्यवस्था को सशक्त बनाने में राफेल की भूमिका को देखा है। राष्ट्रपति ने इस अनुभव को अविस्मरणीय बताते हुए कहा कि इस उड़ान ने उनके मन में राष्ट्र की रक्षा क्षमताओं के प्रति नया गर्व भर दिया है।

राष्ट्रपति ने यह उड़ान हरियाणा के अंबाला वायुसेना स्टेशन से भरी। यह उड़ान लगभग तीस मिनट तक चली, जिसमें राफेल ने लगभग 200 किलोमीटर की दूरी तय की। इस दौरान विमान ने समुद्र तल से करीब 15 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरी और लगभग 700 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आसमान में अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया। विमान को ग्रुप कैप्टन अमित गेहानी ने उड़ाया, जो 17वीं स्क्वॉड्रन के कमांडिंग ऑफिसर हैं।

राष्ट्रपति मुर्मू ने उड़ान के बाद अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर वाराणसी की फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह के साथ एक तस्वीर साझा की। शिवांगी सिंह राफेल फाइटर जेट उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला पायलट हैं और यह तस्वीर पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई। शिवांगी सिंह की यह उपस्थिति महिला सशक्तिकरण की दिशा में भारतीय वायुसेना के प्रयासों का प्रतीक है।

इस अवसर ने एक बार फिर लोगों को ऑपरेशन सिंदूर की याद दिला दी। उस समय पाकिस्तानी मीडिया ने झूठा दावा किया था कि पाकिस्तान ने भारतीय राफेल को मार गिराया है और पायलट शिवांगी सिंह उसके कब्जे में हैं। हालांकि, उस समय शिवांगी के परिवार और भारतीय वायुसेना ने इसे पाकिस्तान का दुष्प्रचार बताया था। अब राष्ट्रपति के साथ शिवांगी की साझा की गई तस्वीर ने इस झूठ को एक बार फिर नकार दिया है और सत्य की पुष्टि कर दी है कि भारत की बेटियां हर मोर्चे पर मजबूती से खड़ी हैं।

शिवांगी सिंह ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से पढ़ाई की और 2017 में भारतीय वायुसेना में शामिल हुईं। फ्रांस निर्मित राफेल फाइटर जेट उड़ाने की उनकी क्षमता ने उन्हें भारतीय रक्षा इतिहास में एक विशेष स्थान दिलाया है। उनके पति भी वायुसेना में फाइटर पायलट हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि यह उड़ान न केवल उनके लिए एक गौरवपूर्ण अनुभव थी, बल्कि इससे देशवासियों में वायुसेना के प्रति गर्व की भावना और भी गहरी हुई है। उन्होंने अंबाला वायुसेना स्टेशन और भारतीय वायुसेना की पूरी टीम को सफल आयोजन के लिए बधाई दी।

राफेल फाइटर जेट भारत की रक्षा व्यवस्था में एक अहम स्तंभ के रूप में जाना जाता है। अत्याधुनिक तकनीक, लंबी दूरी तक सटीक हमले की क्षमता और मजबूत मारक शक्ति के कारण यह विमान भारत की सुरक्षा को नई दिशा देता है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की यह उड़ान इस बात का प्रमाण बनी कि भारत आत्मनिर्भर रक्षा क्षमता की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ रहा है।

इस पूरे आयोजन ने भारतीय वायुसेना की अदम्य शक्ति के साथ-साथ महिलाओं की बढ़ती भूमिका को भी उजागर किया। यह क्षण न केवल वायुसेना बल्कि पूरे राष्ट्र के लिए गर्व का प्रतीक बन गया है।

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