Wed, 17 Sep 2025 18:39:02 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: रामनगर/चौक स्थित श्री दुर्गा पूजा समिति, रामनगर ने इस वर्ष दुर्गा पूजा महोत्सव को न केवल धार्मिक आस्था से जोड़ने का संकल्प लिया है, बल्कि इसे तकनीक और सामाजिक सरोकारों का भी अद्वितीय संगम बनाने का निर्णय किया है। समिति की 16 सितंबर 2025 को उपाध्यक्ष रूपेंद्र किशोर पांडेय "पम्मू गुरु" के लान में हुई बैठक में ऐसे ऐतिहासिक फैसले लिए गए, जिन्हें रामनगर ही नहीं, बल्कि पूरे वाराणसी में लंबे समय तक याद रखा जाएगा।
इस वर्ष दुर्गा पूजा पंडाल में भक्तगण यूपीआई के माध्यम से दान कर सकेंगे। समिति के अध्यक्ष गोपी कृष्ण चौरसिया "नीलू" ने बताया कि पंडाल में विशेष बारकोड व्यवस्था की जाएगी। इससे भक्त आसानी से स्कैन कर दान कर पाएंगे। नकदी की झंझट खत्म होगी और पूरी प्रक्रिया पारदर्शी रहेगी। यह कदम धार्मिक आयोजनों को डिजिटल इंडिया की दिशा से जोड़ने वाली मिसाल बनेगा।
समिति के महामंत्री संतोष द्विवेदी ने कहा कि इस वर्ष पंडाल का केंद्रीय संदेश होगा, "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ"। मां दुर्गा स्वयं नारी शक्ति की प्रतीक हैं, इसलिए इस पवित्र अवसर से समाज में बेटियों की शिक्षा और सुरक्षा का संदेश देना विशेष महत्व रखता है। पंडाल की सजावट, पोस्टर, होर्डिंग और डिजिटल स्क्रीन के जरिए यह अभियान श्रद्धालुओं तक पहुंचेगा। श्रद्धा और सामाजिक चेतना का यह संगम निश्चित रूप से अविस्मरणीय होगा।
बैठक में यह भी तय हुआ कि दुर्गा पूजा के दौरान विविध धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। भक्तों को दर्शन के उपरांत विशेष प्रसाद दिया जाएगा। समिति ने सुरक्षा और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की घोषणा की। पंडाल में सीसीटीवी कैमरे, स्वयंसेवक दल और प्रकाश व्यवस्था की मजबूत तैयारी की जाएगी ताकि भक्तों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
बैठक की अध्यक्षता अध्यक्ष गोपी कृष्ण चौरसिया ने की और संचालन महामंत्री संतोष द्विवेदी ने किया। बैठक में समिति से जुड़े प्रमुख सदस्य, अशोक जायसवाल, राजेश कुमार "रामलाल", गौरी शंकर जायसवाल, रूपेंद्र किशोर पांडेय, सृजन श्रीवास्तव, कृष्ण कुमार जायसवाल, पंकज पांडेय, अनिल गुप्ता, संदीप चौरसिया, रवि जायसवाल, गंगाराम मौर्या, राजेंद्र प्रसाद, कुलदीप सेठ, जय सिंह चौहान, ऋषभ सिन्हा, गोविंद मौर्य, विष्णु गुप्ता, मयंक, अर्पित केशरी और रामबाबू सहित कई अन्य गणमान्य लोगों ने भाग लिया। सभी ने मिलकर इस वर्ष की पूजा को विशेष और यादगार बनाने का संकल्प लिया।
रामनगर की दुर्गा पूजा लंबे समय से आस्था और भव्यता का प्रतीक रही है। लेकिन इस बार की पहल इसे एक नए युग की शुरुआत बना देगी। पंडाल न केवल भक्ति का केंद्र होगा, बल्कि डिजिटल सुविधा और सामाजिक जागरूकता का भी जीता-जागता उदाहरण बनेगा।