Sun, 14 Sep 2025 19:14:59 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
रामनगर की शान बनी लस्सी, मॉरीशस के प्रधानमंत्री को पिलाने वाले द्वारिका मांझी पहलवान का हुआ भव्य अभिनंदन
वाराणसी।
रामनगर अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के लिए पूरे देश ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में प्रसिद्ध है। यहां की गलियों में बसी परंपरा, गंगा तट की पावनता और विशेष रूप से यहां की मशहूर लस्सी हमेशा से चर्चा का विषय रही है। इसी विरासत को एक बार फिर गौरवान्वित किया है रामनगर के चर्चित लस्सीकार द्वारिका मांझी पहलवान ने। हाल ही में उन्होंने मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम को अपने हाथों से लस्सी पिलाई, जिसने सभी का मन मोह लिया। इस गौरवपूर्ण क्षण को लेकर रविवार को रामनगर के नागरिकों ने उनका भव्य अभिनंदन किया और अपने इस कर्मठ बेटे को सम्मानित करते हुए गर्व का इजहार किया।
स्थानीय नागरिकों ने कहा कि यह केवल द्वारिका मांझी की नहीं, बल्कि पूरे रामनगर की उपलब्धि है। जिस पेय को पीढ़ियों से यहां के लोग स्वाद और परंपरा के साथ जोड़कर देखते आए हैं, वही लस्सी आज विश्व मंच पर अपनी पहचान बना रही है। नागरिकों का कहना था कि जब किसी विदेशी राष्ट्र का प्रधानमंत्री रामनगर की लस्सी की तारीफ करता है, तो यह इस नगर की समृद्ध संस्कृति और स्वाद की जीत है।
गौरतलब है कि द्वारिका मांझी पहलवान का लस्सी बनाने का अंदाज़ निराला है। वर्षों से वह अपने हाथों की बनाई लस्सी से न सिर्फ स्थानीय लोगों का दिल जीतते आए हैं, बल्कि कई बार नामचीन हस्तियों ने भी उनकी लस्सी का रसास्वादन किया है। इससे पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी उन्होंने अपनी लस्सी पिलाई थी, जिसे प्रधानमंत्री ने बड़े चाव से पीकर सराहा था। इस प्रसंग को याद करते हुए उपस्थित लोगों ने कहा कि यह रामनगर के लिए किसी स्वर्णिम अध्याय से कम नहीं है।
नागरिक अभिनंदन से गदगद द्वारिका मांझी ने भावुक स्वर में कहा, कि "यह सब बाबा विश्वनाथ की कृपा है। हमारे हाथों की बनी लस्सी को जब लोग इतने प्रेम से स्वीकार करते हैं और उसकी तारीफ करते हैं, तो लगता है मानो यह मेरी नहीं, पूरे रामनगर की जीत है। आज मॉरीशस के प्रधानमंत्री हों या हमारे देश के प्रधानमंत्री, वे सब इस लस्सी को पसंद कर रहे हैं, इससे बड़ी खुशी मेरे लिए और क्या हो सकती है।"
कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने एक स्वर में कहा कि यह क्षण आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है। रामनगर के स्वाद और परंपरा की सुगंध अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी फैल चुकी है। सभी ने इस बात पर जोर दिया कि यह सिर्फ पेय का स्वाद नहीं, बल्कि उसमें बसे अपनत्व और परंपरा का जादू है, जो हर किसी को अपनी ओर खींच लेता है।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से संतोष द्विवेदी, नंदलाल चौहान, अजय प्रताप सिंह, संतोष शर्मा, मुरारी निषाद, रोहित साहनी, सृजन श्रीवास्तव, राहुल देव, योगेश सिंह "विक्की", कुलदीप सेठ, जय सिंह चौहान, ऋषभ सिन्हा, गोविंद मौर्या सहित बड़ी संख्या में नगरवासी मौजूद रहे। सभी ने द्वारिका मांझी पहलवान को बधाई दी और उन्हें रामनगर की असली पहचान करार दिया।
रामनगर के इस गौरवपूर्ण पल ने यह साबित कर दिया है कि गंगा-जमुनी तहज़ीब, परंपरा और स्वाद की धरती पर जन्मा हर कण अपनी सुगंध से पूरी दुनिया को मोहित कर सकता है। द्वारिका मांझी पहलवान का यह योगदान आने वाले समय में न केवल रामनगर, बल्कि पूरे वाराणसी और काशी की पहचान को और अधिक प्रखर बनाएगा।