Thu, 16 Oct 2025 20:35:09 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: रामनगर/पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल के निर्देश पर चलाए जा रहे ऑपरेशन चक्रव्यूह के तहत अपराध व अवैध तस्करी पर सख्त कार्रवाई का असर लगातार दिखाई दे रहा है। इसी क्रम में रामनगर पुलिस को बुधवार देर रात एक बड़ी सफलता हाथ लगी, जब पुलिस ने वाहन चेकिंग के दौरान बिहार भेजी जा रही 900 लीटर अवैध अंग्रेजी शराब की बड़ी खेप बरामद कर ली। पुलिस ने मौके से एक तस्कर को गिरफ्तार किया, जबकि मुख्य सरगना फरार बताया जा रहा है।
पुलिस के मुताबिक, देर रात रामनगर क्षेत्र में एडीसीपी काशी जोन सरवण टी के निर्देशन में टीम ने वाहनों की गहन चेकिंग अभियान चलाया। इसी दौरान नेशनल हाईवे पर जा रहे एक संदिग्ध मालवाहक वाहन को रोककर जब तलाशी ली गई, तो पुलिस टीम भी दंग रह गई। वाहन के भीतर रखी 100 पेटियों में भरी हुई करीब 900 लीटर अवैध अंग्रेजी शराब बरामद की गई। प्राथमिक जांच में सामने आया कि यह पूरी खेप बिहार में खपाने के उद्देश्य से वाराणसी से रवाना की गई थी।
पुलिस ने मौके से वाहन चालक सूबेदार सिंह, निवासी उत्तर प्रदेश, को गिरफ्तार कर लिया। प्रारंभिक पूछताछ में उसने बताया कि उसे वाराणसी से टेंगरा मोड़ के पास एक व्यक्ति ने यह माल लेकर जाने को कहा था, जहां से इसे दूसरी गाड़ी में शिफ्ट कर बिहार भेजने की योजना थी। इस नेटवर्क में कई अन्य लोग भी शामिल हैं, जिनकी पहचान की जा रही है। पुलिस ने वाहन और शराब दोनों को सीज कर विधिक कार्रवाई प्रारंभ कर दी है।
एडीसीपी सरवण टी ने बताया कि "ऑपरेशन चक्रव्यूह" के तहत यह कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा, "शराब तस्करी में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। सीमावर्ती इलाकों में हमारी टीमें लगातार सक्रिय हैं और बिहार में अवैध शराब की सप्लाई रोकने के लिए निगरानी बढ़ा दी गई है।" उन्होंने यह भी बताया कि बरामद शराब टेट्रा पैक पैकेजिंग में थी, जो आमतौर पर उत्तर प्रदेश में निर्मित होती है। यह शराब वैध मालवाहक के नाम पर बिहार में भेजी जा रही थी ताकि सीमा पार करते समय संदेह न हो।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पुलिस की शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि यह गिरोह लंबे समय से वाराणसी, चंदौली, और सोनभद्र के रास्ते बिहार में शराब की तस्करी कर रहा था। आरोपी इसे अन्य उपभोक्ता वस्तुओं के बीच छिपाकर ट्रकों के जरिए सीमावर्ती जिलों में पहुंचाते थे।
रामनगर थानाध्यक्ष दुर्गा सिंह ने बताया कि "गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ के आधार पर पुलिस नेटवर्क के बाकी सदस्यों की तलाश में जुटी है। एक व्यक्ति अमित उपाध्याय इस प्रकरण में मुख्य भूमिका में पाया गया है, जिसकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।"
थानाध्यक्ष ने आगे कहा कि यह कार्रवाई केवल एक गिरफ्तारी तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इस पूरे गिरोह की जड़ तक पहुँचने के लिए विस्तृत जांच जारी है। उन्होंने बताया कि पुलिस अब इस सप्लाई चेन के मालिकों, शराब की अवैध खरीद-बिक्री में शामिल एजेंटों और गोदाम संचालकों की पहचान भी कर रही है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की कार्रवाई आगे भी निरंतर जारी रहेगी ताकि सीमावर्ती जिलों के माध्यम से बिहार में अवैध शराब की आपूर्ति पूरी तरह रोकी जा सके। यह सफलता न केवल एक बड़ी तस्करी को रोकने में मददगार साबित हुई है, बल्कि इससे पुलिस को पूरे नेटवर्क की कार्यप्रणाली को समझने में भी महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं।