Thu, 18 Dec 2025 20:18:11 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी/रामनगर: कड़ाके की ठंड और घने कोहरे ने पूरे क्षेत्र को जकड़ लिया है। बीते कई दिनों से तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है, लेकिन इस भीषण ठंड में नगर निगम वाराणसी की भूमिका सवालों के घेरे में है। जिस रामनगर को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र होने का गौरव प्राप्त है, वहीं आम लोग ठंड से बचाव की बुनियादी व्यवस्था के लिए तरसते नजर आ रहे हैं। अलाव जैसी न्यूनतम सुविधा तक का न होना, नगर निगम की तैयारियों और दावों की पोल खोलता प्रतीत हो रहा है।
रामनगर वह प्रवेश द्वार है जहां से बिहार, सोनभद्र, मिर्जापुर और चंदौली से प्रतिदिन हजारों यात्री बनारस पहुंचते हैं। देश-विदेश से आने वाले पर्यटक भी इसी रास्ते से काशी नगरी में कदम रखते हैं। लेकिन सर्दी से राहत के नाम पर यहां उन्हें केवल कोहरा, सन्नाटा और ठिठुरती रातें ही नसीब हो रही हैं। स्थानीय लोगों का कटाक्ष है कि “यह वही क्षेत्र है जहां विकास की मिसालें गिनाई जाती हैं, लेकिन ठंड में एक अलाव तक जलाने की फुर्सत नगर निगम को नहीं है।”
शहर में हर साल दिसंबर आते ही प्रमुख चौराहों, अस्पतालों, बस स्टैंड और सार्वजनिक स्थलों पर अलाव की व्यवस्था की जाती रही है। पुलिसकर्मी, तीमारदार, मजदूर, रिक्शा चालक और खुले आसमान के नीचे जीवन गुजारने वाले लोग इन्हीं अलावों के सहारे ठंड से राहत पाते थे। लेकिन इस बार हालात बिल्कुल अलग हैं। चार दिनों से पड़ रही कड़ाके की ठंड और गुरुवार को पूरे दिन छाए घने कोहरे के बावजूद कहीं भी अलाव जलता नजर नहीं आया। परिणामस्वरूप पुलिसकर्मी ड्यूटी के दौरान ठिठुरते रहे, अस्पतालों के बाहर बैठे तीमारदार ठंड से कांपते दिखे और लावारिस पशु भी सड़कों पर सिकुड़े पड़े रहे।
स्थानीय नागरिकों और दुकानदारों का कहना है कि यह सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि सीधे तौर पर प्रशासनिक उदासीनता का उदाहरण है। लोगों के बीच यह सवाल आम हो गया है कि अलाव के लिए हर साल आवंटित होने वाला बजट आखिर गया कहां। यदि प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में यह हाल है, तो अन्य इलाकों की स्थिति का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। पर्यटक भी इस अव्यवस्था को देखकर हैरानी जता रहे हैं और काशी की व्यवस्थाओं पर तंज कसते नजर आ रहे हैं।
नगर निगम वाराणसी की यह चुप्पी अब लोगों को खलने लगी है। विकास और संवेदनशील प्रशासन के दावों के बीच ठंड से बचाव जैसी मूलभूत व्यवस्था का अभाव, उन दावों को खोखला साबित कर रहा है। रामनगर के लोग कह रहे हैं कि जब शहर का प्रवेश द्वार ही उपेक्षा का शिकार है, तो आम नागरिकों की चिंता कौन करेगा।
अब जरूरत इस बात की है कि नगर निगम प्रशासन तुरंत हरकत में आए और रामनगर सहित पूरे वाराणसी में तत्काल अलाव की व्यवस्था सुनिश्चित करे। अन्यथा यह ठंड न केवल आमजन की परेशानी बढ़ाएगी, बल्कि नगर निगम की संवेदनहीनता की यह तस्वीर जनता के बीच और गहरी नाराजगी को जन्म देगी।
स्थानीय लोगों का कहना है, कि नगर निगम तत्काल नींद से जागे और रामनगर सहित पूरे वाराणसी में अलाव की व्यवस्था सुनिश्चित करे। अन्यथा यह भीषण ठंड नगर निगम की लापरवाही को इतिहास के पन्नों में एक और शर्मनाक अध्याय के रूप में दर्ज कर देगी।