शास्त्रीनगर सेंट्रल मार्केट में अवैध कॉम्प्लेक्स ध्वस्त, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई शुरू

शास्त्रीनगर सेंट्रल मार्केट में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अवैध वाणिज्यिक कॉम्प्लेक्स का ध्वस्तीकरण शुरू हुआ, जिससे व्यापारियों को भारी नुकसान हुआ।

Sat, 25 Oct 2025 14:17:29 - By : Shriti Chatterjee

शास्त्रीनगर सेंट्रल मार्केट में शनिवार को सुबह से ही अवैध रूप से बने आवासीय भवन 661/6 में चल रहे वाणिज्यिक कॉम्प्लेक्स का ध्वस्तीकरण शुरू हो गया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत की जा रही इस कार्रवाई में जेसीबी लगते ही अवैध कॉम्प्लेक्स खंडहर में बदलने लगा। इस दौरान दुकानदारों और उनके परिजनों की आंखें नम हो गईं और कई लोग भावनात्मक रूप से टूटते दिखे।

सेंट्रल मार्केट के संयुक्त व्यापार संघ अध्यक्ष अजय गुप्ता ने कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने के लिए बाध्य हैं, लेकिन इससे व्यापारी परिवारों की मेहनत और आजीविका प्रभावित हो रही है। उन्होंने बताया कि व्यापारी और प्रशासन के बीच कई प्रयास किए गए, लेकिन आदेश का पालन आवश्यक था। ध्वस्तीकरण के दौरान ड्रोन से पूरी कार्रवाई पर निगरानी रखी गई और आसपास की भीड़ पर भी नजर रखी गई।

ध्वस्तीकरण के लिए जेसीबी का संचालन होते ही दुकानों में हलचल मच गई। दुकानदार अपने परिजनों के साथ मौके पर इकट्ठा हो गए और कई ने अपनी भावनाओं को रोक नहीं पाया। कार्रवाई से पहले विद्युत विभाग ने अवैध कॉम्प्लेक्स का बिजली कनेक्शन काट दिया। आसपास के मार्गों को बैरिकेडिंग से बंद किया गया और फायर ब्रिगेड समेत भारी पुलिस बल तैनात किया गया।

आवास एवं विकास परिषद के दस्तावेजों के अनुसार सेंट्रल मार्केट नाम से कोई बाजार मान्यता प्राप्त नहीं है। 288 वर्ग मीटर के भूखंड संख्या 661/6 में 22 दुकानें बनाई गई थीं। इस भूखंड का आवंटन 1986 में आवासीय प्रयोजन के लिए किया गया था। इसके बावजूद अवैध रूप से वाणिज्यिक गतिविधियां चल रही थीं। 2005 में ध्वस्तीकरण के आदेश दिए गए, लेकिन कार्रवाई नहीं होने पर सुप्रीम कोर्ट ने 17 दिसंबर 2024 को पुनः आदेश दिया।

कार्रवाई के दौरान चार थानों की पुलिस फोर्स, एक कंपनी पीएसी और अतिरिक्त अधिकारी-कर्मचारी तैनात किए गए। शुक्रवार को दुकानदारों को अदालत के आदेश से अवगत कराया गया और कई दुकानदारों ने खुद ही दुकानें खाली करना शुरू कर दी। ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया शनिवार सुबह तक जारी रही। इस कार्रवाई में शोरूम, मर्चेंट स्टोर, जिम, बैंक, रेस्टोरेंट और अस्पताल सहित सभी अवैध व्यवसाय शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट में अगले सुनवाई की तारीख 27 अक्तूबर निर्धारित है। प्रशासन ने यह स्पष्ट किया कि कोई भी अवैध निर्माण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और आदेश के अनुपालन में सभी कड़े कदम उठाए जाएंगे।

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