Fri, 12 Dec 2025 22:01:10 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: शिवपुर थाना क्षेत्र स्थित लक्ष्मणपुर गांव की शांत सुबह 11 दिसंबर को एक खौफनाक वारदात ने दहला दिया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अनुपमा उर्फ सीता (45) की निर्मम हत्या ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया। रोजाना की तरह अपने घर में सुबह की दिनचर्या में व्यस्त सीता की उस दिन किस्मत मानो कहीं और लिखी हुई थी। सुबह करीब आठ बजे किसी ने घर का दरवाजा बंद कर भीतर ही उनके मुंह में कपड़ा ठूंसकर, धारदार हथियार और सिलबट्टे से सिर पर इतने वार किए कि उसकी मौके पर ही मौत हो गई। वारदात इतनी भयावह थी कि कमरे की फर्श तक खून से सना हुआ मिला।
परिवार ने बताया कि सीता हर दिन की तरह सुबह पांच बजे उठ गई थीं और रसोई में खाना बना रही थीं। उनके पति शैलेश कुमार पटेल दूध की सप्लाई के लिए बाहर गए हुए थे। जब शैलेश 10 बजे लौटे, तो कमरे के भीतर पत्नी को खून से लथपथ पड़ा देखकर बदहवास हो उठे। उनकी चीख सुनकर आसपास के लोग दौड़ पड़े और कुछ ही देर में घर के बाहर भीड़ जमा हो गई। शैलेश ने तुरंत अपने रिश्तेदार शुभम को फोन किया, जिसने मौके से डायल 112 पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी।
कुछ ही देर में एडीसीपी नीतू कात्यान, एसीपी नितिन तनेजा, फॉरेंसिक टीम और थाना प्रभारी वीरेंद्र कुमार सोनकर भारी पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। शुरुआती जांच से स्पष्ट था कि हत्या बड़ी बेरहमी और पूरी तैयारी के साथ की गई है। घर में जबरन घुसने के निशान नहीं थे, जिससे अंदेशा बढ़ा कि हत्यारा घर और परिवार से परिचित ही हो सकता है।
परिवार और दिनचर्या से उभरता दर्दनाक सच
सीता की शादी 15 वर्ष पहले हुई थी, लेकिन दंपति की अभी तक कोई संतान नहीं थी। पति शैलेश रोज सुबह आनंद गोल्ड के दूध पैकेट बेचने निकल जाते थे, जबकि सीता घर से ही सप्लाई भी संभालती थीं और बाद में पांडेयपुर स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में अपनी ड्यूटी के लिए निकलती थीं। वह बीएलओ के रूप में भी सक्रिय थीं। सास बेला देवी ने बताया कि सुबह टहलने के दौरान उन्होंने सीता को झाड़ू लगाते देखा था। यह उनका वही आखिरी क्षण था, जिसके कुछ देर बाद पूरे परिवार की दुनिया उजड़ गई।
प्राथमिक जांच और आस-पड़ोस की पड़ताल के आधार पर शिवपुर पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया और लगातार सुराग ढूंढती रही। शुक्रवार को इस मामले ने अचानक मोड़ ले लिया, जब पुलिस ने शिवपुर रेलवे स्टेशन के पास दो संदिग्धों को पकड़ा। कड़ाई से पूछताछ में पूरी वारदात का सच सामने आया जिसने सभी को हैरान कर दिया।
रिश्ते की आड़ में रची गई साजिश- मोहित और अंजलि की गिरफ्तारी
गिरफ्तार आरोपियों में मीरापुर बसही निवासी मोहित यादव (21) और उसकी पत्नी नवलपुर की रहने वाली अंजलि चौहान (21) शामिल हैं। दोनों शारदा विहार कॉलोनी में सीता के घर के पास किराए पर रहते थे। दूध खरीदने के दौरान मोहित का सीता से परिचय बढ़ने लगा और यही धीरे-धीरे संबंधों की धुंध में एक खतरनाक मोड़ ले आया। जांच में सामने आया कि सीता संतान की चाह में मोहित से संबंधों को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही थीं।
हत्या वाले दिन सुबह मोहित और अंजलि घर से निकले। मृतका के घर पहुंचकर अंजलि बाहर ही रुक गई जबकि मोहित पीछे के रास्ते से घर में घुस गया। अंदर अकेली मौजूद सीता पर उसने पहले सिलबट्टे और फिर स्टील के ड्रम से एक के बाद एक वार किया। सिर, गले और चेहरे पर मारकर उसने घटनास्थल पर ही उसकी हत्या कर दी। इसके बाद वह घर में रखे और सीता के पहने हुए जेवर समेत 73,640 रुपये नकद लेकर बाहर निकला। कपड़ों पर लगे खून को छिपाने के लिए उसने पत्नी की शॉल ओढ़ ली और दोनों ऑटो से भोजूबीर होते हुए होम स्टे में जा छिपे।
जब वे वाराणसी छोड़ने के इरादे से शिवपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे, तभी पुलिस ने उन्हें दबोच लिया। पूछताछ में दोनों ने जुर्म कबूल किया और घटनास्थल से दूर झाड़ियों में फेंके गए खून से सने कपड़े भी बरामद कराए गए। दोनों के कब्जे से जेवरात, चोरी के नकद रुपये और पहना गया सामान भी बरामद किया गया।
शानदार पुलिस कार्रवाई, टीम को मिला पुरस्कार
इस जघन्य हत्या का खुलासा करने वाली पुलिस टीम में थाना प्रभारी वीरेंद्र कुमार सोनकर, उप निरीक्षक कृष्ण कुमार सरोज, उप निरीक्षक गौरव सिंह, उप निरीक्षक विद्यासागर चौरसिया, उप निरीक्षक भूपेंद्र कुमार, महिला उप निरीक्षक प्रतिभा शाही, हेड कांस्टेबल लवकुश कुमार, कांस्टेबल नीतीश कुमार तिवारी और कांस्टेबल बालमुकुंद मौर्य शामिल रहे। पुलिस आयुक्त ने टीम को सराहनीय कार्य के लिए 50 हजार रुपये का पुरस्कार घोषित किया है।
न्यूज रिपोर्ट के खबर का हुआ, तत्काल असर
घटना के तुरंत बाद इसे “आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की हत्या, घर के भीतर बंद कमरे से मिला खून से लथपथ शव” शीर्षक के साथ "न्यूज रिपोर्ट" ने प्रमुखता से उठाया था। खबर की गूंज और पुलिस की मुस्तैदी ने इस मामले को जल्द सुलझा दिया, जिससे स्थानीय लोगों में भी पुलिस प्रशासन पर भरोसा और मजबूत हुआ है।
शिवपुर की यह घटना बताती है कि कथित संबंधों, छल, विश्वासघात और लालच का मिला-जुला रूप कैसे एक मासूम और मेहनती महिला की जान ले सकता है। गांव अब भी सदमे में है, और परिवार की आंखें आज भी इंसाफ का इंतजार कर रही हैं।