Fri, 18 Jul 2025 16:24:38 - By : Sayed Nayyar
वाराणसी: रामनगर/श्रावण मास, जो हिंदू धर्म में भगवान शिव की आराधना के लिए सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण महीना माना जाता है, उसमें शिवभक्ति की एक अनुपम मिसाल शुक्रवार, 18 जुलाई 2025 को देखने को मिली। इस पावन अवसर पर शिवसेना की जिला इकाई वाराणसी द्वारा परंपरागत रूप से श्री काशी विश्वनाथ धाम में भव्य जलाभिषेक एवं दर्शन-पूजन का आयोजन किया गया। यह आयोजन शिवसेना के प्रदेश प्रमुख अनिल ठाकुर एवं वरिष्ठ नेता विक्रम यादव के संयुक्त नेतृत्व में संपन्न हुआ, जिसमें हजारों की संख्या में शिवसेना कार्यकर्ता श्रद्धा, शक्ति और संकल्प के साथ उपस्थित रहे।
श्रावण मास की महत्ता को समझते हुए शिवसेना, जिसका नाम ही 'शिव' के नाम पर रखा गया है, हर वर्ष इस विशेष माह में बाबा विश्वनाथ का रुद्राभिषेक और दर्शन-पूजन करती है। इस वर्ष भी यह परंपरा भव्य और संगठित स्वरूप में पूरी निष्ठा और गरिमा के साथ संपन्न हुई। रामनगर से लेकर वाराणसी तक भगवा ध्वजों और ‘बोल बम’ के जयकारों से वातावरण शिवमय हो गया। कार्यकर्ताओं की श्रद्धा, अनुशासन और सेवा-भाव इस आयोजन को विशेष बना गई।
हमारे ब्यूरो चीफ नैयर सैयद के अनुसार सुबह से ही शिवसैनिक समूहों में रामनगर और आसपास के क्षेत्रों से बाबा विश्वनाथ के दर्शन हेतु रवाना हुए। मंदिर परिसर में पहुँचने के बाद विधिपूर्वक गंगाजल, बेलपत्र, धतूरा, भस्म, चंदन और दूध से बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक किया गया। भगवान शिव के इस भव्य पूजन के साथ ही शिवसेना कार्यकर्ताओं ने देश की अखंडता, हिंदू संस्कृति की रक्षा और समाज में समरसता की प्रार्थना की।
इस कार्यक्रम में रामनगर सहित जिले के कोने-कोने से शिवसेना पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे। प्रमुख रूप से हरिनारायण कसेरा, हरि ओम श्रीवास्तव, प्रेम प्रजापति, राजाराम तिवारी, पवन राम, मनोज खरवार, संजय सिंह, राजू भाई, शशिकांत, गुलाब, कृष्णा राधे, कृष्णा सिंह, सूरज, अनिल, कन्हैया सेठ, वंदना कुमारी, अजय, सुभाष, कुमारी, मोहित, राजकुमार, विनोद, संजय सिंह, रामजी समेत हजारों शिव सैनिकों ने इस आयोजन में सहभागिता कर शिवसेना की एकता और शक्ति का परिचय दिया।
प्रदेश प्रमुख अनिल ठाकुर ने मीडिया से बातचीत में कहा, “हमारी पार्टी का नाम ही शिवसेना है, जिसका अर्थ है शिव की सेना, यानी वो शक्ति जो धर्म, संस्कृति, राष्ट्र और समाज के लिए हर मोर्चे पर खड़ी है। श्रावण मास में बाबा विश्वनाथ का दर्शन और जलाभिषेक केवल एक धार्मिक क्रिया नहीं है, बल्कि यह हमारी आत्मा की शुद्धि, संगठन की शक्ति और सांस्कृतिक चेतना का प्रतीक है।” उन्होंने आगे कहा कि यह परंपरा शिवसेना की बुनियाद में समाहित है और हर वर्ष इसे और भव्यता के साथ निभाया जाएगा।
वरिष्ठ शिवसेना नेता विक्रम यादव ने कहा, “श्रावण मास का यह आयोजन केवल आस्था का प्रदर्शन नहीं, बल्कि शिवसेना के सिद्धांतों की पुनः पुष्टि है। हम केवल राजनैतिक संगठन नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक आंदोलन हैं, जो सनातन मूल्यों, सामाजिक न्याय और धर्म की रक्षा के लिए खड़ा है।”
हरिनारायण कसेरा ने अपने उद्बोधन में कहा कि “शिव की भक्ति से ही शिवसेना की शक्ति है”। उन्होंने बताया कि श्रावण मास में काशी में शिव की उपस्थिति सर्वाधिक प्रभावी मानी जाती है और यही वह क्षण होता है जब शिवसैनिकों को अपने संकल्प, सेवा और संगठन की ऊर्जा को शिव को अर्पित करना चाहिए।
प्रेम प्रजापति ने कहा कि यह आयोजन वर्षों से होता आ रहा है, लेकिन इस वर्ष शिवसेना कार्यकर्ताओं की संख्या और उनके भीतर का उत्साह ऐतिहासिक रहा। उन्होंने कहा कि शिवसेना केवल राजनैतिक संगठन नहीं, बल्कि एक सामाजिक और धार्मिक चेतना की ध्वजवाहक भी है, जिसका उद्देश्य केवल सत्ता नहीं, बल्कि संस्कृति को बचाए रखना है।
पूरे आयोजन के दौरान मंदिर प्रशासन, जिला प्रशासन और स्वयं शिवसेना के कार्यकर्ताओं द्वारा अनुशासन, सुरक्षा और सफाई की विशेष व्यवस्था की गई थी। श्रद्धालु शिवसैनिकों की आस्था, संयम और संगठन ने यह साबित कर दिया कि शिवसेना केवल नाम मात्र की पार्टी नहीं, बल्कि शिव के आदर्शों को धरातल पर उतारने वाला एक जीवंत संगठन है।
इस पूरे आयोजन में श्रावण मास की भक्ति, शिवसेना की शक्ति और सामाजिक समरसता का त्रिवेणी संगम देखने को मिला। काशी नगरी ने पुनः यह सिद्ध कर दिया कि जब ‘शिव’ के नाम पर ‘सेना’ खड़ी होती है, तब धर्म, संगठन और समाज एक नई ऊर्जा के साथ जागृत होता है।