वाराणसी: सिगरा पुलिस ने बच्चा चोरों को दबोचा, अपहृत ढाई वर्षीय मासूम सकुशल बरामद

सिगरा पुलिस ने बच्चा चोरी की गुत्थी सुलझाते हुए एक वयस्क व दो बाल अपचारियों को गिरफ्तार कर ढाई वर्षीय मासूम को सकुशल कैण्ट रेलवे स्टेशन से बरामद किया।

Tue, 26 Aug 2025 20:02:29 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

वाराणसी: सिगरा पुलिस ने बच्चा चोरी की गुत्थी सुलझाते हुए एक वयस्क अभियुक्त और दो बाल अपचारियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने उनके कब्जे से अपहृत ढाई वर्षीय मासूम को सकुशल बरामद कर परिजनों को सौंप दिया। इस घटना ने बीते कुछ दिनों से इलाके में सनसनी फैला दी थी, लेकिन पुलिस की तत्परता और सटीक कार्रवाई से मामला सफलतापूर्वक सुलझ गया।

छित्तूपुर, लंका में किराए पर रहने वाली महिला ने 20 अगस्त को सिगरा थाने में तहरीर देकर शिकायत दर्ज कराई थी। उनका आरोप था कि उनका ढाई साल का बेटा 18 अगस्त को शास्त्री नगर स्थित सिगरा पार्क में खेलने के दौरान अचानक लापता हो गया। परिजनों ने आसपास के इलाके में घंटों खोजबीन की, लेकिन बच्चे का कोई पता नहीं चला। इसके बाद पीड़िता ने थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।

प्रभारी निरीक्षक सिगरा संजय कुमार मिश्र ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल एक विशेष टीम का गठन किया। टीम ने लगातार जांच-पड़ताल और इलाके में निगरानी तेज की। कई दिन की खोजबीन और तकनीकी निगरानी के बाद आखिरकार पुलिस ने सोमवार को अपहृत बच्चे को कैण्ट रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 9 के पीछे मैदान से बरामद कर लिया। इसी दौरान पुलिस ने एक अभियुक्त और दो बाल अपचारियों को भी गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तार अभियुक्त की पहचान आदर्श पुत्र धन्नू (उम्र 31 वर्ष), निवासी लकपेड़ा बाग, थाना आदर्श कोतवाली, जिला बाराबंकी के रूप में हुई। वहीं, पकड़े गए दो बाल अपचारियों की उम्र क्रमशः 17 और 13 वर्ष है, जिन्हें पुलिस ने तरुण और रांझा नाम से चिन्हित किया।

मंगलवार को एडीसीपी अपराध सरवणन टी. ने प्रेस वार्ता कर पूरी घटना का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि जब पुलिस ने दोनों नाबालिगों से पूछताछ की तो उन्होंने खुलासा किया कि आदर्श, जो उनका फूफा है, ने ही उन्हें बच्चे को उठाने के लिए कहा था। बदले में उन्हें पैसे देने का लालच भी दिया गया था। पुलिस द्वारा सख्ती से पूछताछ करने पर आदर्श ने स्वीकार किया कि उसने ही बच्चे का अपहरण करने की साजिश रची थी। उसका इरादा बच्चे को बेचकर आर्थिक लाभ उठाने का था ताकि अपनी जरूरतें पूरी कर सके। पूछताछ के दौरान आदर्श ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए कहा कि उसने बड़ी भूल की है और भविष्य में ऐसी हरकत कभी नहीं करेगा।

पुलिस ने आदर्श के खिलाफ धारा 304(2), 317(2) बीएनएस के तहत मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया। वहीं, दोनों नाबालिगों को भी विधिक प्रक्रिया के अंतर्गत बाल सुधार गृह भेजा जाएगा।

गिरफ्तारी और बरामदगी में सक्रिय भूमिका निभाने वाली पुलिस टीम में प्रभारी निरीक्षक सिगरा संजय कुमार मिश्र, उपनिरीक्षक सत्यदेव कुमार गुप्ता (चौकी प्रभारी सोनिया), विकल शाण्डिल्य (चौकी प्रभारी काशी विद्यापीठ), उपनिरीक्षक पुष्कर दूबे (चौकी प्रभारी रोडवेज), महिला उपनिरीक्षक कुसुम जायसवाल, हेड कांस्टेबल प्रेम कुमार द्विवेदी, कांस्टेबल मृत्युंजय सिंह, कांस्टेबल नीरज मौर्य और सब इंस्पेक्टर वीरेन्द्र कुमार शामिल रहे।

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