सोनभद्र ओबरा खदान हादसा: अब तक पांच मजदूरों की मौत, बचाव कार्य जारी, कई और दबे होने की आशंका

सोनभद्र के ओबरा में पत्थर खदान धंसने से मरने वालों की संख्या बढ़कर पांच हुई, बचाव अभियान जारी है, कई और मजदूर दबे होने की आशंका है।

Mon, 17 Nov 2025 11:15:37 - By : Shriti Chatterjee

सोनभद्र जिले के ओबरा क्षेत्र में पत्थर खदान धंसने की घटना के बाद राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है और हादसे की गंभीरता हर घंटे बढ़ती जा रही है। बिल्ली मारकुण्डी स्थित खदान में शनिवार की दोपहर बाद हुए इस हादसे के बाद एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम पिछले चालीस घंटे से लगातार मलबा हटाने और अंदर फंसे मजदूरों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। देर रात से सोमवार सुबह तक के अभियान में मलबे के नीचे से दो सगे भाइयों समेत चार और मजदूरों के शव बरामद किए गए हैं। इससे हादसे में मरने वालों की कुल संख्या अब पांच हो गई है। इससे पहले रविवार की रात अमरेनिया निवासी राजू गोंड का शव निकाला गया था, जिसके बाद उम्मीद थी कि और मजदूर भी अंदर दबे हो सकते हैं।

राहत दल को सबसे बड़ी चुनौती विशाल चट्टानों के टूटे हुए ढेर को हटाने की है जो रास्ता अवरुद्ध किए हुए हैं और समय समय पर ढीली चट्टानें नीचे गिरने का खतरा भी बना हुआ है। इसी कारण बचाव कार्य बेहद सावधानी से किया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि एक बड़ी चट्टान हट जाने के बाद मलबे के नीचे फंसे लोगों की सही संख्या और उनकी स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। अभी भी आशंका है कि कुछ और मजदूर खदान के गहरे हिस्से में दबे हुए हो सकते हैं, इसलिए पूरी टीम युद्धस्तर पर काम में लगी है और भारी मशीनों की मदद से रास्ता बनाते हुए मलबा हटाया जा रहा है।

अब तक पहचाने गए मजदूरों में पनारी गांव के कर्मसार टोला निवासी इंद्रजीत यादव और उनके भाई संतोष यादव के शव शामिल हैं। इसके अलावा कोन क्षेत्र के कचनरवा निवासी रविंद्र उर्फ नानक और एक अन्य मजदूर का भी शव बरामद किया गया है। सभी शव पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिए गए हैं और रात के समय ही परिजनों को घटनास्थल से हटाकर अस्पताल भेजा गया ताकि प्रक्रिया जल्द पूरी हो सके। प्रशासन का कहना है कि परिजनों के लिए आवश्यक व्यवस्था की जा रही है और उन्हें हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।

यह हादसा शनिवार की दोपहर हुआ था जब ओबरा थाना क्षेत्र के बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में स्थित श्री कृष्णा माइनिंग वर्क्स की खदान में ड्रिलिंग का काम चल रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार लगभग पंद्रह मजदूर खदान में सक्रिय थे और नौ कंप्रेशर मशीनों से ब्लास्टिंग के लिए होल तैयार किए जा रहे थे। इसी दौरान अचानक चट्टान का एक बड़ा हिस्सा टूटकर नीचे गिर पड़ा और कई मजदूर उसके नीचे दब गए। घटना के तुरंत बाद आसपास काम कर रहे मजदूरों ने किसी तरह खुद को बचाकर बाहर निकलने की कोशिश की और कई ने सुरक्षित स्थान पर पहुंचने में सफलता भी पाई। हादसे की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक सहित वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए और राहत दल को तत्काल बुलाया गया ताकि मलबे में दबे लोगों को जितनी जल्दी हो सके बाहर निकाला जा सके।

प्रशासन के अनुसार बचाव कार्य अभी भी जारी है और टीम के सदस्य चट्टानों को हटाने के बाद अंदर के हिस्से की फिर से जांच करेंगे। घटना ने क्षेत्र में खनन कार्य की सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और स्थानीय लोगों ने भी खदानों में सुरक्षा मानकों की समीक्षा की मांग उठाई है। अधिकारियों ने कहा है कि राहत कार्य के बाद पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच की जाएगी और जिम्मेदारी तय करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। हादसे की भयावहता और लगातार मिल रहे शवों ने पूरे क्षेत्र में शोक की लहर फैला दी है और परिजन बदहवासी की स्थिति में मौके पर डटे हुए हैं।

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