राज्य कर विभाग ने पूर्वांचल में जीएसटी चोरी पर कसा शिकंजा, 100 करोड़ से ज्यादा बकाया

राज्य कर विभाग ने पूर्वांचल में 100 करोड़ से अधिक की जीएसटी वैट चोरी पर बड़ा अभियान शुरू किया है, 24 हजार फर्मों पर शिकंजा।

Sat, 29 Nov 2025 14:29:43 - By : Shriti Chatterjee

राज्य कर विभाग ने पूर्वांचल में जीएसटी और वैट की बड़ी चोरी को लेकर व्यापक अभियान शुरू कर दिया है। वाराणसी, चंदौली, मिर्जापुर, जौनपुर, सोनभद्र, भदोही, आजमगढ़, बलिया और मऊ समेत दस जिलों में कुल 24 हजार से अधिक जीएसटी और वैट धारकों पर सौ करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया दर्ज है। विभाग ने इन बकायेदारों पर शिकंजा कसने के लिए 29 विशेष जांच टीमें गठित की हैं। ये टीमें फर्मों का पता लगाने, दस्तावेजों की जांच करने और बकाया कर की वसूली सुनिश्चित करने में जुटी हैं।

विभाग की रिपोर्ट में सामने आया है कि इनमें से अधिकांश फर्मों का रजिस्ट्रेशन वित्तीय वर्ष 2017 से 2020 के बीच कराया गया था। कई कंपनियों ने शुरुआती महीनों में लेनदेन दिखाकर फर्जी गतिविधियों को छिपाया, लेकिन इसके बाद अचानक गायब हो गईं। कुछ फर्मों ने पता बदलकर जांच से बचने की कोशिश की। इन फर्मों का नेटवर्क इलेक्ट्रॉनिक सामान, सीमेंट, कोयला, गिट्टी बालू, सरिया, बिस्किट निर्माण, स्वर्ण आभूषण और अन्य व्यापारिक श्रेणियों में सक्रिय पाया गया। विभाग को जांच में यह भी पता लगा कि कई कंपनियां निष्क्रिय या फर्जी हैं और इनका वास्तविक व्यापार से कोई संबंध नहीं है।

बकायेदार फर्मों की पहचान होते ही 29 जांच टीमें न केवल रजिस्टर्ड स्थानों पर छापेमारी कर रही हैं, बल्कि मोबाइल लोकेशन, बैंक खातों का रिकॉर्ड, कर रिटर्न और पुराने कारोबारी नेटवर्क के आधार पर मालिकों तक पहुंचने का प्रयास भी कर रही हैं। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि किसी भी फर्म को बकाया कर से बचने नहीं दिया जाएगा।

507 फर्मों की संपत्ति कुर्क, 27.56 करोड़ की वसूली

नवंबर महीने में विभाग ने अब तक 507 फर्मों की चल और अचल संपत्ति कुर्क कर ली है। कुर्क की गई संपत्तियों में जमीन, वाहन, मशीनरी और बैंक खातों पर रोक जैसी कार्रवाई शामिल है। इन कार्रवाइयों के बाद विभाग ने 27.56 करोड़ रुपये की वसूली भी की है, जिससे अभियान का प्रभाव साफ नजर आ रहा है।

26 फर्मों पर एफआईआर दर्ज

जांच के दौरान 26 फर्मों और उनके प्रोपराइटरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। विभाग की जांच में यह पाया गया कि इनमें से कई कंपनियां ऐसे लोगों के नाम पर रजिस्टर की गई थीं जिनका व्यवसाय से कोई संबंध नहीं था। अनेक फर्मों में मालिकों के नाम, पते और पहचान से संबंधित दस्तावेज फर्जी पाए गए। इससे यह स्पष्ट होता है कि पूरे नेटवर्क को योजनाबद्ध तरीके से तैयार कर टैक्स चोरी को अंजाम दिया जा रहा था।

कर अधिवक्ताओं का कहना है कि इस तरह के व्यापारी अक्सर कर्मचारियों, रिश्तेदारों या परिचितों के नाम पर काल्पनिक फर्में रजिस्टर करा लेते हैं। इस प्रकार की फर्में बाद में मनगढंत बिल जारी कर अन्य कंपनियों को फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट उपलब्ध कराने का माध्यम बनती हैं। कभी कभी थोड़ी मात्रा में टैक्स जमा कर रिटर्न दाखिल कर इन्हें सक्रिय दिखाया जाता है, जबकि मुख्य उद्देश्य बड़े पैमाने पर कर चोरी करना होता है।

अधिकारी बोले

विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रमुख सचिव के निर्देश पर बकाया जीएसटी की वसूली तेजी से की जा रही है। जांच टीमें अपने क्षेत्रों में लगातार अभियान चला रही हैं और टैक्स न जमा करने वालों की चल और अचल संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई भी जारी है। अधिकारियों ने कहा कि किसी भी बकायेदार को कानून के दायरे से बाहर रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

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