Thu, 20 Nov 2025 10:40:07 - By : Tanishka upadhyay
ताजमहल और उसके आसपास के पर्यावरणीय संतुलन को बेहतर बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दाखिल विजन डॉक्यूमेंट की कार्य योजना में सेंट्रल इम्पावर्ड कमेटी ने ताज ट्रेपेजियम जोन में हरियाली को बढ़ाने पर विशेष जोर दिया है। कार्य योजना का मुख्य उद्देश्य ताजमहल के अगले कई सौ वर्षों तक संरक्षण को सुनिश्चित करना है। सीईसी ने अपनी रिपोर्ट में साफ कहा है कि हाईवे, नहरों के किनारों और औद्योगिक क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर हरियाली विकसित की जानी चाहिए ताकि हवा में घुले धूल कणों और सूक्ष्म कणों के उत्सर्जन को कम किया जा सके।
शहर में पर्यावरणीय मानकों के अनुसार कुल क्षेत्रफल के करीब 33 प्रतिशत हिस्से पर हरियाली होनी चाहिए, लेकिन आंकड़ों के अनुसार आगरा में केवल 6.82 प्रतिशत क्षेत्र ही हरियाली के दायरे में आता है। ताजमहल से 50 किलोमीटर की परिधि में फैले 10 हजार 400 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र वाले टीटीजेड में मथुरा, फिरोजाबाद, एटा, हाथरस और भरतपुर जैसे जिलों में हरियाली की स्थिति और भी खराब है। नमी की कमी और पेड़ पौधों की कमी की वजह से इन क्षेत्रों में हवा में धूल कणों का स्तर ज्यादा रहता है।
आईआईटी कानपुर द्वारा वर्ष 2021 में की गई सोर्स अपोर्शनमेंट स्टडी में बताया गया था कि आगरा की हवा में मौजूद धूल कणों में 82.3 प्रतिशत तक सड़क की धूल का योगदान है, जबकि अति सूक्ष्म कणों में सड़क की धूल का योगदान 67.9 प्रतिशत तक है। यही कारण है कि सीईसी ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट में हरियाली बढ़ाकर इन स्रोतों को नियंत्रित करने की आवश्यकता को प्राथमिकता दी है।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूर्व में दिए गए निर्देशों को ध्यान में रखते हुए सीईसी ने टीटीजेड में पेड़ों की कटाई पर कड़े मानक लागू करने का सुझाव दिया है। पेड़ों की कटाई, प्रतिपूरक पौधारोपण और इकोलॉजिकल बहाली के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया तैयार करने को कहा गया है, जिसे सामाजिक वानिकी प्रभाग द्वारा लागू किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट पहले ही ताजमहल की पांच किलोमीटर परिधि में बिना अनुमति किसी भी वृक्ष को काटने पर रोक लगा चुका है।
हालांकि सीईसी ने कृषि वानिकी को बढ़ावा देने की सिफारिश की, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में टीटीजेड में कृषि वानिकी की अनुमति देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने माना कि कृषि वानिकी की अनुमति देना पेड़ों की कटाई के लिए लाइसेंस देने जैसा होगा और इससे पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है।
रिपोर्ट स्पष्ट करती है कि ताजमहल और टीटीजेड क्षेत्र की संवेदनशीलता को देखते हुए हरियाली बढ़ाना ही लंबी अवधि में पर्यावरण संरक्षण का सबसे प्रभावी माध्यम है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इन सिफारिशों पर किस गति से अमल शुरू होता है।