Mon, 21 Jul 2025 15:29:35 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
कानपुर: गोविंद नगर विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुरेंद्र मैथानी ने सोमवार को सर्किट हाउस में भारत के पूर्व राष्ट्रपति महामहिम श्री रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने उनका कुशलक्षेम जाना और कानपुर आगमन पर हार्दिक स्वागत किया। यह भेंट न केवल राजनीतिक औपचारिकता का प्रतीक रही, बल्कि मानवीय जुड़ाव और पुराने संबंधों की आत्मीयता से परिपूर्ण रही।
विधायक सुरेंद्र मैथानी ने बताया कि महामहिम कोविंद जी ने बड़े ही स्नेह- पूर्वक उपस्थित कार्यकर्ताओं का हालचाल लिया और विशेष रूप से पुराने दिग्गज एवं वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की खैरियत पूछी। उन्होंने प्रेमलता कटियार, बालचंद मिश्रा, जगतवीर सिंह द्रोण, गोपाल अवस्थी और दिवंगत श्याम बिहारी मिश्रा जैसे वरिष्ठजनों का स्मरण करते हुए उनके परिजनों की जानकारी ली। इसके साथ ही, उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े दिवंगत वासुदेव वासवानी जी के परिजनों के बारे में भी जानकारी ली और उनके योगदान को सम्मानपूर्वक याद किया।
पूर्व राष्ट्रपति ने अपनी कानपुर यात्रा को भावुकता से जोड़ते हुए उन दिनों को याद किया जब उन्होंने शहर के सामाजिक, राजनीतिक और वैचारिक जीवन में सक्रिय भागीदारी निभाई थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि कानपुर शहर की पहचान उसकी खुशमिजाजी, मानवीयता और संकट के समय एकजुट होने की संस्कृति है। उन्होंने कहा कि "यदि कभी भी आपसी मतभेद हुए भी हों, तो भी जब बात दूसरों की सहायता की होती है, तब कानपुरवासी सब कुछ भुलाकर मदद के लिए सबसे आगे रहते हैं। यही कानपुर की आत्मा है।"
विधायक मैथानी ने बताया कि कोविंद जी ने न सिर्फ राजनेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं, बल्कि बीएनएसडी इंटर कॉलेज के अपने समय के शिक्षकों, वरिष्ठ अधिवक्ताओं और बार काउंसिल के पुराने साथियों का भी व्यक्तिगत रूप से उल्लेख किया और उनकी कुशलता की जानकारी ली। वे हर एक नाम को आत्मीयता से पुकारते रहे और उनके साथ बिताए गए पलों को साझा करते रहे।
यह मुलाकात केवल एक राजनीतिक संवाद नहीं थी, बल्कि यह उस संस्कृति और परंपरा का प्रतीक थी, जिसमें पुराने संबंधों की डोर, संवेदना, सहयोग और मानवीय मूल्यों से बंधी होती है। कोविंद जी ने अपनी जन्मस्थली कानपुर पर गर्व जताते हुए कहा, “कानपुर सिर्फ एक शहर नहीं, एक विचार है । सेवा, सहयोग और आत्मीयता का। और इसी भावना ने मुझे जीवनभर प्रेरणा दी है।”
उनकी यह मुलाकात राजनीतिक कार्यकर्ताओं और समाजसेवियों के लिए न केवल प्रेरणा का स्रोत बनी, बल्कि यह भी याद दिला गई कि संबंधों की बुनियाद जब सच्चाई, सेवा और संवेदना पर टिकती है, तब समय के साथ वह और भी प्रगाढ़ होती जाती है।