गाजीपुर-बिहार हाईवे पर मरम्मत कार्य पूरा, बैरिकेड्स न हटने से लगातार बढ़ रही है लोगों की परेशानी।

गाजीपुर-बिहार के ताड़ीघाट बारा मार्ग पर मरम्मत के बावजूद बैरिकेड्स न हटने से आवाजाही बाधित, लोग दुर्घटना की आशंका से चिंतित हैं।

Sat, 29 Nov 2025 14:44:22 - By : Yash Agrawal

गाजीपुर से बिहार को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे 124C यानी ताड़ीघाट बारा मार्ग पर मरम्मत कार्य पूरा होने के बावजूद बैरिकेड्स न हटाए जाने से लोगों की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है. लगभग 40 करोड़ रुपये की लागत से बनाए जा रहे इस मार्ग के कार्यों में सुस्ती और अव्यवस्था को लेकर स्थानीय लोगों ने सवाल उठाए हैं. पिछले कई दिनों से इस मार्ग पर आवाजाही वन वे बनी हुई है, जबकि सड़क के कई हिस्सों पर मरम्मत का काम पूरा हो चुका है.

रेवतीपुर क्षेत्र में नौली से सुहवल तक लगभग 15 किलोमीटर के हिस्से में हाईवे की क्षतिग्रस्त सड़क को तोड़कर नए सीसी स्लैब डाले गए हैं. दस से अधिक स्थानों पर मरम्मत पूरी हो चुकी है, लेकिन बीते दस दिनों से लोहे के बैरिकेड्स वैसे ही खड़े हैं. इससे वाहन चालकों को लगातार दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. खासकर व्यस्त समय में रास्ते के संकरे होने से जाम की स्थिति बन जाती है, और कई बार दो पहिया और चार पहिया वाहन चालकों के बीच टकराव की नौबत आ जाती है.

स्थानीय लोगों का कहना है कि इन दिनों लगन का समय है और देर रात कई वाहन बाहर से गांवों की ओर आते हैं. ऐसे में अंधेरे में लगे बैरिकेड्स और रूट डायवर्जन साफ दिखाई नहीं देते. ग्रामीण बताते हैं कि हाल के दिनों में छोटे मोटे हादसे बढ़े हैं और यदि बैरिकेड्स समय पर नहीं हटाए गए तो कोई बड़ा हादसा भी हो सकता है. कई बार स्थानीय लोगों ने विभागीय अधिकारियों को इस समस्या से अवगत कराया, लेकिन अभी तक ठोस कार्रवाई नहीं हुई है.

इस पूरे मामले पर अधिशासी अभियंता मृत्युंजय यादव ने बताया कि जहां मरम्मत पूरी हो चुकी है वहां से जल्द ही बैरिकेडिंग हटाने की प्रक्रिया शुरू होगी. उन्होंने कहा कि हाईवे के अन्य कुछ हिस्सों पर काम अभी बाकी है और विभाग शीघ्र ही उसे भी पूरा कराएगा. उनके अनुसार लक्ष्य यह है कि वाहनों की आवाजाही सामान्य हो सके और सड़क यात्रा पूरी तरह सुरक्षित बनाई जा सके.

गाजीपुर और उसके आसपास के लोगों के लिए यह मार्ग बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह बिहार की ओर जाने का प्रमुख संपर्क रास्ता है. मरम्मत कार्य में हो रही देरी और अवरोधों के कारण व्यापारियों, छात्रों और दैनिक यात्रा करने वालों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय लोगों की मांग है कि पूरी मरम्मत पूरी होने तक बैरिकेड्स का प्रबंधन स्पष्ट हो और जहां काम खत्म हो चुका है वहां से अवरोधक तुरंत हटाए जाएं ताकि दुर्घटनाओं के जोखिम को कम किया जा सके.

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