Sat, 27 Sep 2025 22:45:32 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
तमिलनाडु/ करूर: तमिलनाडु की राजनीति में नई ताक़त के रूप में उभर रहे अभिनेता-नेता थलापथी विजय की पार्टी तमिलगा वेट्री कज़गम (TVK) की शनिवार को आयोजित रैली अचानक मातम में बदल गई। करुर ज़िले में हुई इस रैली में भीड़ नियंत्रण की कमी और दबाव के चलते भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक यह घटना तब हुई जब हजारों की संख्या में मौजूद लोग विजय की एक झलक पाने के लिए मंच के पास उमड़ पड़े। धक्का-मुक्की के बीच कई लोग गिर पड़े और दबाव इतना बढ़ गया कि महिलाएँ और बच्चे दम घुटने से बेहोश हो गए।
भीड़ का दबाव और अफरातफरी
नामक्कल में विजय की दिन में हुई रैली पहले से ही भीड़ के लिहाज़ से चर्चा में थी। वहां की स्थिति से सबक लिए बिना शाम तक करुर में और भी बड़ा जनसमूह उमड़ा। पुलिस और आयोजक क्षमता से कहीं अधिक लोगों को मैदान में प्रवेश करने दे बैठे। जैसे ही विजय मंच पर पहुँचे, समर्थक आगे बढ़ने लगे। पीछे से लगातार धक्का लगने पर आगे खड़े लोग गिर गए और उनके ऊपर लोग चढ़ते चले गए। अचानक पूरे पंडाल में चीख-पुकार मच गई। बच्चों के रोने और महिलाओं की मदद की पुकार के बीच मंच पर भी अफरातफरी का माहौल बन गया। विजय को भाषण बीच में रोकना पड़ा और तत्काल एम्बुलेंस बुलवाई गईं।
मौत और घायल – अलग-अलग आँकड़े
अस्पतालों और पुलिस की शुरुआती रिपोर्टों में मृतकों और घायलों के आँकड़े अलग-अलग सामने आए। कुछ स्थानों पर मृतकों की संख्या 20 बताई गई, वहीं अन्य एजेंसियों ने 30 से अधिक मौतों का ज़िक्र किया। दर्जनों लोग गंभीर रूप से घायल हैं और कई को आईसीयू में भर्ती कराया गया है। स्थानीय डॉक्टरों ने पुष्टि की कि मृतकों में महिलाएँ और बच्चे भी शामिल हैं। घटना की भयावहता का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि कई पीड़ितों की मौत दम घुटने से हुई, जबकि कुछ लोग बुरी तरह कुचल गए।
प्रत्यक्षदर्शियों की कहानी, न्यूज रिपोर्ट की जुबानी
घटनास्थल पर मौजूद एक युवा ने बताया, "लोग सुबह से इंतज़ार कर रहे थे। जैसे ही विजय आए, सब मंच की ओर भागे। अचानक धक्का लगने से महिलाएँ और बच्चे गिर गए। वहाँ पुलिस और वालंटियर बहुत कम थे। मदद पहुँचने में देर हुई और तभी सबसे ज़्यादा लोग दब गए।"
एक अन्य महिला ने रोते हुए कहा, "हम सिर्फ विजय सर को देखने आए थे, लेकिन इस तरह की भयावह स्थिति बन जाएगी, यह कभी सोचा भी नहीं था।"
प्रशासन की त्वरित प्रतिक्रिया
जिला प्रशासन ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया। आसपास के अस्पतालों में इमरजेंसी घोषित कर दी गई। अतिरिक्त डॉक्टरों और एम्बुलेंस को लगाया गया। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि सभी घायलों को मुफ्त इलाज और पीड़ित परिवारों को राहत पैकेज दिया जाएगा।
तमिलनाडु सरकार ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और कहा है कि इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान कर सख्त कार्रवाई होगी।
राजनीति में बयानबाज़ी और सवाल
इस हादसे के बाद तमिलनाडु की राजनीति गरमा गई है। विपक्षी दलों ने विजय की पार्टी TVK और प्रशासन दोनों पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। विपक्ष का कहना है कि भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा इंतज़ाम पूरी तरह नाकाम रहे।
वहीं विजय समर्थकों ने इसे दुखद दुर्घटना बताया और कहा कि इस पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने भरोसा दिलाया कि पार्टी पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है।
न्यूज रिपोर्ट पूछ रही है, प्रशाशन से सीधा सवाल
क्या आयोजकों ने क्षमता से अधिक भीड़ को मैदान में जाने दिया?
क्या पर्याप्त बैरिकेडिंग और पुलिस बल तैनात थे?
क्या नामक्कल की भीड़ से सीख लेकर करुर में अतिरिक्त तैयारी होनी चाहिए थी?
जब हमारी टीम ने विशेषज्ञों से इस बाबत बात की तो उन लोगों का मानना हैं, कि ऐसे आयोजनों के लिए पहले से crowd management प्लान बनाना अनिवार्य होना चाहिए। जब मंच पर कोई बड़ा अभिनेता या लोकप्रिय नेता मौजूद हो, तब हालात अप्रत्याशित रूप से बिगड़ सकते हैं।
करुर पुलिस ने कहा है कि आयोजकों से पूछताछ की जाएगी और भीड़ नियंत्रण की चूक का पता लगाया जाएगा। घटनास्थल के वीडियो और सीसीटीवी फुटेज की जांच जारी है। राज्य सरकार ने उच्चस्तरीय कमेटी गठित करने का संकेत दिया है ताकि दोषियों की पहचान कराई जा सके और भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचा जा सके।
करुर की यह त्रासदी सिर्फ एक रैली की असफलता नहीं, बल्कि यह याद दिलाती है कि राजनीतिक उत्साह और भीड़ की भावनाओं को सुरक्षित ढंग से संभालने की ज़िम्मेदारी कितनी बड़ी है। विजय की लोकप्रियता ने लाखों लोगों को खींचा, लेकिन प्रशासनिक चूक और सुरक्षा खामियों ने इसे मौत के मंजर में बदल दिया। अब पूरा तमिलनाडु शोक में है और उम्मीद कर रहा है कि ऐसी घटना दोबारा न हो।