Sat, 08 Nov 2025 14:10:21 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: रामनगर/प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री की मौजूदगी के दौरान भी अपराध थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। रामनगर थाना क्षेत्र के विश्वामित्र कॉलोनी में लगातार चोरी की घटनाओं ने स्थानीय निवासियों में भय और असुरक्षा की भावना भर दी है। गुरुवार की रात एक बार फिर चोरों ने कॉलोनी में धावा बोला और इस बार निशाना बने भारतीय सेना में तैनात अधिकारी बलराम पांडे का घर।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, फौजी बलराम पांडे वर्तमान में लेह-लद्दाख में देश की सीमाओं की सुरक्षा कर रहे हैं। बीते दिनों उनकी माता के निधन के कारण पूरा परिवार गांव गया हुआ था। इसी बीच चोरों ने सुनसान घर का फायदा उठाते हुए मुख्य दरवाजे का ताला काटकर अंदर प्रवेश किया और घर में रखे लाखों के जेवरात, नकदी व अन्य कीमती सामान पार कर दिया। घटना की जानकारी तब हुई जब पड़ोसियों ने सुबह घर का टूटा हुआ ताला देखा और फोन पर बलराम पांडे को सूचना दी।
सूचना मिलते ही फौजी बलराम पांडे अपने परिवार सहित रामनगर स्थित विश्वामित्र कॉलोनी स्थित घर पहुंचे। अंदर का नजारा देखकर वे स्तब्ध रह गए। अलमारी और संदूक सब खुले पड़े थे, जेवर और कीमती सामान गायब था। घटना की सूचना तत्काल रामनगर पुलिस को दी गई, लेकिन खबर लिखे जाने तक पुलिस के हाथ कोई ठोस सुराग नहीं लगा था।
यह कोई पहली घटना नहीं है। इसी कॉलोनी में बीते सप्ताह मनीष सिंह की बाइक चोरी हो गई थी, वहीं अभिषेक श्रीवास्तव के घर से गहनों की चोरी की गई थी। लगातार हो रही इन घटनाओं के बावजूद पुलिस प्रशासन अब तक किसी भी मामले में ठोस कार्रवाई नहीं कर पाया है। कॉलोनी के लोगों का कहना है कि रात में गश्त नाम मात्र की होती है, जिससे चोरों के हौसले और बढ़ गए हैं।
स्थानीय निवासियों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर पुलिस समय रहते सख्त कदम उठाती तो चोरियों की यह श्रृंखला नहीं चलती। लोगों में यह सवाल गूंज रहा है कि जब प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र और मुख्यमंत्री की लगातार मौजूदगी में भी ऐसी घटनाएं घट सकती हैं, तो आम जनता आखिर खुद को कितना सुरक्षित माने?
रामनगर क्षेत्र के लोगों ने मांग की है कि पुलिस विभाग तुरंत प्रभाव से विशेष जांच टीम गठित कर इन घटनाओं की तह तक जाए और दोषियों को शीघ्र गिरफ्तार करे। साथ ही रात के समय पुलिस गश्त को दोगुना किया जाए, ताकि अपराधियों के हौसले पस्त हों और जनता में भरोसा लौटे।
रामनगर के लोगों का कहना है कि यह केवल चोरी का मामला नहीं, बल्कि कानून व्यवस्था की नाकामी का आईना है। सवाल यह भी उठ रहा है कि आखिर पुलिस के गश्ती दस्ते और खुफिया तंत्र इतने संवेदनशील क्षेत्र में क्या कर रहे हैं। अपराधियों के बढ़ते दुस्साहस ने प्रशासन को कठघरे में खड़ा कर दिया है।
अब देखना यह होगा कि क्या वाराणसी पुलिस इस चुनौती को गंभीरता से लेगी या फिर विश्वामित्र कॉलोनी की यह घटना भी फाइलों में दबकर रह जाएगी। फिलहाल इलाके में दहशत का माहौल है और लोगों की जुबान पर एक ही सवाल “कब तक यूं ही असुरक्षित रहेंगे रामनगर के लोग?” पूछता न्यूज रिपोर्ट बनकर रामनगर के लोगों की आवाज।