काशी में पर्यटन मंत्रालय की कार्यशाला संपन्न, धार्मिक पर्यटन से आर्थिक मजबूती का दावा

वाराणसी में पर्यटन मंत्रालय द्वारा होटल-होमस्टे मालिकों के लिए आतिथ्य प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना है।

Fri, 19 Sep 2025 21:36:13 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

वाराणसी, 19 सितंबर 2025: धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को नई दिशा देने की पहल में काशी एक बार फिर केंद्र बिंदु बना। पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग और वाराणसी जिला प्रशासन के सहयोग से शुक्रवार को होटल एवं होमस्टे मालिकों के लिए आतिथ्य प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम चौथे बैच के रूप में आयोजित हुआ, जिसमें करीब 300 प्रतिभागियों ने सक्रिय भागीदारी की। प्रशिक्षण का संचालन इंस्टीट्यूट ऑफ़ होटल मैनेजमेंट, लखनऊ ने रेडिसन ग्रुप ऑफ़ होटल्स के सहयोग से किया, जबकि अंतरराष्ट्रीय ट्रैवल प्लेटफ़ॉर्म एगोडा (Agoda) ने एक अलग सत्र का आयोजन किया।

इस कार्यशाला के मुख्य अतिथि वाराणसी कैन्ट के विधायक सौरभ श्रीवास्तव रहे। उन्होंने प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र प्रदान किए और सभी को काशी को स्वच्छ और आकर्षक बनाए रखने का संकल्प दिलाया। श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में कहा कि काशी केवल आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि विश्व की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में उभर रही है। धार्मिक पर्यटन यहाँ की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, और इसकी वजह से स्थानीय नागरिकों की आय तथा रोजगार के अवसर लगातार बढ़ रहे हैं।

उन्होंने बताया कि 2014 के बाद से काशी का स्वरूप पूरी तरह बदल गया है। निर्बाध विद्युत आपूर्ति, स्वच्छता अभियान, बेहतर सड़क नेटवर्क, रेलवे सुविधाओं का विस्तार, वायु सेवाओं की उपलब्धता और नदी क्रूज़ सेवा जैसी व्यवस्थाओं ने शहर की पहचान को वैश्विक स्तर पर और मजबूत किया है। काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के उद्घाटन ने इस बदलाव को और गति दी है, जिससे प्रतिदिन लगभग एक लाख श्रद्धालु और पर्यटक यहाँ पहुंच रहे हैं।

विधायक ने यह भी कहा कि पर्यटन को सुविधाजनक और सहज बनाने के लिए लगातार निवेश और उन्नयन किए जा रहे हैं। इस वजह से आज वाराणसी के लगभग हर नागरिक का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पर्यटन उद्योग से जुड़ाव हो चुका है। इससे न केवल लोगों की आय बढ़ी है, बल्कि रोजगार और स्व-रोजगार के नए अवसर भी तेजी से पैदा हुए हैं।

उन्होंने सरकार के सकारात्मक दृष्टिकोण और योजनाओं के कुशल क्रियान्वयन पर बल दिया। सौरभ श्रीवास्तव ने कहा कि शासन-प्रशासन की सक्रियता और फील्ड में लगातार काम करने की प्रतिबद्धता ही काशी के इस रूपांतरण का कारण है। उन्होंने प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे आतिथ्य सेवाओं में गुणवत्ता और मानवीय दृष्टिकोण को सर्वोच्च प्राथमिकता दें, ताकि आने वाला हर यात्री काशी से सकारात्मक अनुभव लेकर लौटे और दोबारा आने की इच्छा रखे।

अपने संबोधन के अंत में विधायक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पर्यटन मंत्री को काशी के अकल्पनीय विकास और पर्यटन विस्तार में दिए गए योगदान के लिए आभार प्रकट किया। साथ ही पर्यटन मंत्रालय की इस अभिनव पहल को सराहते हुए कहा कि इस तरह की कार्यशालाएँ न केवल स्थानीय व्यवसायियों को आधुनिक आतिथ्य कौशल प्रदान करती हैं, बल्कि काशी की वैश्विक छवि को भी और सशक्त करती हैं।

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