Mon, 04 Aug 2025 08:02:24 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
लखनऊ/गाजीपुर: उत्तर प्रदेश की राजनीति और अपराध की दुनिया से जुड़ा एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। माफिया से राजनेता बने मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी को रविवार देर रात लखनऊ के दारुलशफा स्थित विधायक निवास से गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी का यह मामला एक गंभीर जालसाजी से जुड़ा है, जिसमें उमर पर अपनी मां आफ्शा अंसारी के फर्जी हस्ताक्षर कर अदालत में शपथ पत्र दाखिल करने का आरोप है। इस कथित फर्जीवाड़े का मकसद परिवार की कुर्क की गई संपत्ति को बचाने की कोशिश बताया गया है।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, मुख्तार अंसारी और उनके परिवार पर गैंगस्टर एक्ट के तहत विभिन्न कार्रवाइयां की गई थीं, जिसके अंतर्गत उनकी संपत्तियों को कुर्क किया गया था। इसी बीच उमर अंसारी ने अपनी मां आफ्शा अंसारी के नाम से एक शपथ पत्र तैयार किया, जिसमें कथित तौर पर फर्जी हस्ताक्षर किए गए और इसे अदालत में साक्ष्य के तौर पर दाखिल कर दिया गया। इस कार्रवाई के पीछे उद्देश्य यह था कि अदालत को यह यकीन दिलाया जा सके कि संपत्ति पर दावे को लेकर परिवार सहयोग कर रहा है, जिससे कुर्की से राहत मिल सके।
पुलिस अधीक्षक डॉ. ईरज राजा ने इस गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि उमर अंसारी के खिलाफ मोहम्मदाबाद थाना क्षेत्र में पहले से ही मामला दर्ज था। इस मामले में जालसाजी, अदालत को गुमराह करने और दस्तावेजों में फर्जीवाड़े से जुड़े गंभीर धाराएं जोड़ी गई थीं। उमर की गिरफ्तारी के बाद उसे अब विधिवत गाजीपुर लाया जा रहा है, जहां सोमवार को उससे पूछताछ के बाद अदालत में पेश किया जाएगा।
गौरतलब है कि उमर की मां आफ्शा अंसारी पहले से ही फरार चल रही हैं। अदालत ने उन्हें गिरफ्तार कर पेश करने का आदेश दिया हुआ है, और गाजीपुर पुलिस ने उनके ऊपर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा है। उमर पर आरोप है कि उसने जानबूझकर फरार चल रही अपनी मां की पहचान का इस्तेमाल करते हुए फर्जी दस्तावेज बनाए और कोर्ट की प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास किया।
मुख्तार अंसारी का परिवार पहले से ही कानून के शिकंजे में है। मुख्तार खुद लंबे समय से जेल में बंद हैं और विभिन्न संगीन मामलों में आरोपी हैं। उनका बड़ा बेटा अब्बास अंसारी, जो सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) की ओर से मऊ से विधायक चुना गया था, उसे हाल ही में एक आपराधिक मामले में अदालत ने दो साल की सजा सुनाई थी। इसके परिणामस्वरूप उनकी विधानसभा सदस्यता भी रद्द कर दी गई है।
इस पूरे घटनाक्रम ने अंसारी परिवार की कानूनी परेशानियों को और गहरा कर दिया है। जानकारों का मानना है कि उमर की यह गिरफ्तारी केवल एक अलग-थलग मामला नहीं है, बल्कि यह एक संगठित प्रयास का हिस्सा हो सकता है, जिसके तहत कुर्की से बचने और संपत्ति को दोबारा अपने कब्जे में लेने के लिए तंत्र का दुरुपयोग किया जा रहा था। ऐसे में अब जांच एजेंसियां उमर की गिरफ्तारी के जरिए यह पता लगाने की कोशिश करेंगी कि क्या इस फर्जीवाड़े में और भी लोग शामिल हैं या इसे किसी राजनीतिक संरक्षण की छाया में अंजाम दिया गया।
फिलहाल पुलिस उमर से पूछताछ कर रही है और जांच एजेंसियों का ध्यान अब दस्तावेजों की जांच, गवाहों के बयानों और डिजिटल साक्ष्यों पर केंद्रित है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि पूरे षड्यंत्र की रूपरेखा क्या थी और इसका निर्देशन किन-किन स्तरों से हुआ।
उत्तर प्रदेश में अपराध और राजनीति के गठजोड़ को लेकर पहले भी कई बार सवाल उठते रहे हैं, लेकिन उमर अंसारी की गिरफ्तारी इस बात की ताजा मिसाल है कि राज्य की पुलिस अब ऐसे मामलों पर कठोर रुख अपनाने के मूड में है। आगे आने वाले दिनों में यह मामला और भी गहराई से जांच के दायरे में आ सकता है।