Thu, 11 Dec 2025 14:17:16 - By : Palak Yadav
केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी गुरुवार को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय पहुंचे जहां उन्होंने काशी तमिल संगमम के चौथे चरण के कार्यक्रम में भाग लिया. इस अवसर पर उन्होंने भारत की भाषाई और सांस्कृतिक विविधता को देश की महत्वपूर्ण शक्ति बताते हुए कहा कि इस संगमम का उद्देश्य भारत की विभिन्न भाषाओं, साहित्य परंपराओं और सांस्कृतिक विरासत को एक साझा मंच पर लाना है. उन्होंने कार्यक्रम को अनोखा और विस्तृत बताया और इसके सफल आयोजन के लिए बीएचयू प्रशासन, स्थानीय नागरिकों और तमिलनाडु से आए प्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया. जब उनसे पूछा गया कि क्या भविष्य में केरल और कर्नाटक को भी ऐसे संगमों में शामिल किया जाएगा, तो उन्होंने कहा कि विचार अच्छा है और इसे देश के व्यापक संगम के रूप में समझा जाना चाहिए.
मंत्री के विश्वविद्यालय आगमन के दौरान सर सुन्दरलाल चिकित्सालय में व्याप्त कथित भ्रष्टाचार, अनियमितताओं और महिला सुरक्षा से जुड़े गंभीर मुद्दों को लेकर छात्रों ने उन्हें विस्तृत ज्ञापन सौंपा. दिव्यांशु त्रिपाठी और सत्यनारायण सिंह के नेतृत्व में छात्र प्रतिनिधि मनीष, सुमित, शुभम और सूर्यांश ने मंत्री से शीघ्र उच्च स्तरीय जांच की मांग की. छात्रों ने बताया कि अस्पताल में मौजूद समस्याओं पर लंबे समय से शिकायत की जा रही है, लेकिन अब तक सुधार के ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं. छात्रों का कहना था कि चिकित्सा व्यवस्था में कदाचार, अव्यवस्था और सुरक्षा संबंधी खामियों ने विश्वविद्यालय समुदाय को गहरी चिंता में डाल दिया है.
छात्रों ने अस्पताल परिसर में संचालित उमंग फार्मेसी को बड़ा घोटाला बताते हुए कहा कि इस दुकान का टेंडर काफी समय पहले समाप्त हो चुका है लेकिन अधिकारी इसे अवैध रूप से चलने दे रहे हैं. छात्रों का आरोप है कि प्रभावशाली व्यक्तियों की मिलीभगत से एक ही लाइसेंस पर 15 से अधिक स्टोर संचालित हो रहे हैं और मरीजों को जेनेरिक दवाएं बाजार से अधिक कीमत पर बेची जा रही हैं. छात्रों ने कहा कि यह स्थिति न केवल आर्थिक अनियमितता दर्शाती है बल्कि मरीजों के अधिकारों और स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए भी गंभीर जोखिम पैदा करती है.
छात्र नेता दिव्यांशु त्रिपाठी ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने सुन्दरलाल चिकित्सालय को AIIMS का दर्जा प्रदान किया था और इसे विकसित करने के लिए करोड़ों रुपये भी स्वीकृत किए गए हैं. इसके बावजूद भ्रष्टाचार, लापरवाही और महिला सुरक्षा के मामलों में सुधार नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि यह स्थिति अस्वीकार्य है और दोषियों पर तत्काल कठोर कार्रवाई होनी चाहिए. छात्र नेता सत्यनारायण सिंह ने बताया कि अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण इस वर्ष चार से पांच छात्रों की मृत्यु हो चुकी है और हर घटना के बाद अधिकारी एक दूसरे पर जिम्मेदारी डालकर मामले से बचने का प्रयास करते हैं. उन्होंने कहा कि यदि समय रहते प्रभावी कदम उठाए जाते तो कई जानें बचाई जा सकती थीं.
छात्रों ने मंत्री से आग्रह किया कि अस्पताल प्रशासन में फैले कथित भ्रष्टाचार, महिला सुरक्षा से जुड़े मामलों और अवैध फार्मेसी संचालन की स्वतंत्र जांच कराई जाए. उन्होंने कहा कि जब तक दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई नहीं होती, तब तक छात्र समुदाय की सुरक्षा और चिकित्सा व्यवस्था की विश्वसनीयता बहाल नहीं हो सकेगी. मंत्री ने ज्ञापन प्राप्त करने के बाद छात्रों को आश्वस्त किया कि उनकी मांगों पर संज्ञान लिया जाएगा.