Sun, 09 Nov 2025 16:11:49 - By : Yash Agrawal
भारत पर्व 2025 में उत्तर प्रदेश के कलाकार अपनी समृद्ध लोक संस्कृति और परंपराओं का प्रदर्शन करेंगे। राज्य के संस्कृति विभाग द्वारा चयनित यह दल गुजरात के केवड़िया में आयोजित होने वाले इस राष्ट्रीय आयोजन में हिस्सा लेगा। उत्तर प्रदेश के संस्कृति और पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि यह पहल न केवल कला के संरक्षण का माध्यम है बल्कि प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत करने का अवसर भी है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उद्देश्य ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को साकार करते हुए उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को भारत की आत्मा के रूप में स्थापित करना है।
संस्कृति विभाग के अनुसार, भारत पर्व में शामिल यह सांस्कृतिक दल प्रदेश की विविध परंपराओं, लोक कलाओं और जनजातीय नृत्यों का अद्वितीय संगम प्रस्तुत करेगा। दल में विभिन्न जिलों से आने वाले कलाकार अपनी विशिष्ट कला शैलियों के माध्यम से दर्शकों को उत्तर प्रदेश की संस्कृति से रूबरू कराएंगे।
दल में गाजियाबाद के श्याम सिंह शंख, थुमचौन और डमरू वादन की प्रस्तुति देंगे। गाजियाबाद की सनाहल देवी योगा, कंटेम्पररी और छत्र नृत्य पेश करेंगी। सोनभद्र की आशा देवी मादल जनजाति नृत्य के माध्यम से आदिवासी जीवन की झलक दिखाएंगी। मथुरा के मुरारी लाल तिवारी मयूर नृत्य, फूलों की होली और चरकुला नृत्य की पारंपरिक झलक देंगे, जबकि झांसी की राधा प्रजापति राई लोकनृत्य प्रस्तुत करेंगी। प्रयागराज की पूर्णिमा कनौजिया ढ़ेढ़िया लोकनृत्य से पूर्वांचल की सांस्कृतिक पहचान को प्रदर्शित करेंगी।
इसके अलावा, भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय लखनऊ की प्रोफेसर प्रेरणा राणा के नेतृत्व में कथक नृत्य और राम-सीता थीम पर आधारित विशेष प्रस्तुति दी जाएगी। यह दल ब्रज, अवध, बुंदेलखंड, पूर्वांचल और जनजातीय अंचलों की परंपराओं को एक मंच पर लाकर विविधता में एकता का सशक्त संदेश देगा।
मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि भारत पर्व जैसे आयोजनों में उत्तर प्रदेश की भागीदारी न केवल सांस्कृतिक संवाद को प्रोत्साहित करती है बल्कि युवाओं को अपनी जड़ों और परंपराओं से जोड़ने का कार्य भी करती है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस प्रदर्शन से उत्तर प्रदेश की लोककला, संगीत और नृत्य शैली को राष्ट्रीय पहचान मिलेगी और कलाकारों को नई प्रेरणा प्राप्त होगी।