उत्तर प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता जावेद उर्फी का लखनऊ में निधन, कार्यकर्ताओं में शोक

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य और पूर्व प्रवक्ता जावेद उर्फी का कैंसर के इलाज के दौरान लखनऊ में निधन हो गया, जिससे कार्यकर्ताओं में शोक है।

Thu, 13 Nov 2025 14:28:33 - By : Tanishka upadhyay

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य और प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता जावेद उर्फी का गुरुवार सुबह लखनऊ के एक अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। वह लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे थे। उनके निधन की खबर मिलते ही प्रयागराज और प्रदेश भर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं में शोक की लहर दौड़ गई। परिवार के अनुसार उनका जनाजा लखनऊ से लेकर प्रयागराज पहुंच रहा है। जनाजा सीधे मुस्तफा कंपलेक्स के पीछे स्थित मस्जिद में ले जाया जाएगा, जहां असर की नमाज के बाद उन्हें काला डंडा कब्रिस्तान, 60 फीट रोड पर सुपुर्द ए खाक किया जाएगा।

जावेद उर्फी वर्ष 1988 से कांग्रेस की सक्रिय राजनीति में जुड़े रहे थे। पार्टी की हर गतिविधि में उनकी उपस्थिति हमेशा देखने को मिलती थी। धरना, प्रदर्शन, आंदोलन और चुनावी अभियानों में वे सबसे आगे रहते थे। वर्ष 2022 तक वह कांग्रेस के हर महत्वपूर्ण कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लेते रहे, लेकिन कैंसर की बीमारी ने उनकी राजनीतिक गतिविधियों को धीरे-धीरे सीमित कर दिया। पिछले दो वर्षों से वह पूरी तरह राजनीति से दूर थे और दिल्ली तथा लखनऊ में उनका लगातार इलाज चल रहा था।

कांग्रेस में उनकी संगठनात्मक भूमिका भी अहम रही। प्रदेश कांग्रेस कमेटी की पूर्व अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी के कार्यकाल में 2009 से 2012 के बीच उन्हें पहले जोनल प्रवक्ता और बाद में प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता उर्दू विभाग की जिम्मेदारी दी गई थी। पार्टी में उनकी पकड़ और कार्यशैली के कारण वर्ष 2023 में वे प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य निर्वाचित हुए थे।

उनके निधन पर कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं और सामाजिक हस्तियों ने गहरा शोक व्यक्त किया है। सांसद उज्ज्वल रमण सिंह, शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष फुजैल हाशमी, शेखर बहुगुणा, किशोर वार्ष्णेय, हरिकेश त्रिपाठी, अशफाक अहमद, मुकुंद तिवारी, तस्लीमुद्दीन गौहर काजमी, मानस शुक्ला, जिया उबेद, अनूप त्रिपाठी, हसीब अहमद और शाहनवाज कुरैशी सहित कई नेताओं ने उर्फी को विनम्र श्रद्धांजलि दी और कहा कि उनका निधन पार्टी और समाज दोनों के लिए अपूरणीय क्षति है।

उन्हें लोगों से जोड़ने की क्षमता, सौम्य व्यवहार और संघर्षशील छवि के लिए जाना जाता था। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि उर्फी का जाना एक ऐसे नेता की कमी है जो हर परिस्थिति में साथ खड़ा रहता था। प्रयागराज में उनके अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने की संभावना है।

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