Fri, 31 Oct 2025 15:41:19 - By : Tanishka upadhyay
उत्तर प्रदेश सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के तहत पूर्वी उत्तर प्रदेश और लखनऊ संभाग के कुछ जिलों में 1 नवंबर से धान खरीद प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की है, जो 28 फरवरी 2026 तक चलेगी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में यह प्रक्रिया 1 अक्टूबर से पहले ही प्रारंभ हो चुकी है। इस बार सरकार ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाकर कॉमन श्रेणी के लिए 2369 रुपये प्रति कुंतल और ग्रेड ए के लिए 2389 रुपये प्रति कुंतल तय किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सरकार ने किसानों के भुगतान में पारदर्शिता और गति सुनिश्चित करने के लिए आदेश दिया है कि सभी पंजीकृत किसानों को बिक्री के 48 घंटे के भीतर भुगतान किया जाए।
पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिन जिलों में 1 नवंबर से खरीद शुरू होगी, उनमें चित्रकूट, कानपुर, अयोध्या, गोरखपुर, देवीपाटन, बस्ती, आजमगढ़, वाराणसी, मीरजापुर और प्रयागराज संभाग शामिल हैं। लखनऊ संभाग के लखनऊ, रायबरेली और उन्नाव में भी इसी तारीख से खरीद प्रारंभ होगी। वहीं, हरदोई, लखीमपुर खीरी और सीतापुर जैसे पश्चिमी जिलों में धान खरीद पहले से जारी है। राज्य सरकार ने इस बार खरीदी प्रक्रिया को और प्रभावी बनाने के लिए व्यापक तैयारी की है।
धान की बिक्री के लिए किसानों का पंजीकरण 1 सितंबर से शुरू हो चुका है। खाद्य एवं रसद विभाग के अनुसार, 31 अक्टूबर तक सुबह 11 बजे तक प्रदेशभर के 2,17,625 किसानों ने अपना पंजीकरण कराया है। वहीं पश्चिम उत्तर प्रदेश के लगभग 17 हजार किसानों से अब तक 1.06 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी है। सरकार के सक्रिय प्रयासों से प्रदेश में 3920 क्रय केंद्र पहले ही स्थापित किए जा चुके हैं, ताकि किसानों को अपने नजदीक ही बिक्री का अवसर मिल सके।
पंजीकरण के लिए किसानों को खाद्य एवं रसद विभाग की वेबसाइट fcs.up.gov.in या मोबाइल एप UP KISAN MITRA पर जाकर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। बिना पंजीकरण के किसी भी किसान से खरीद नहीं की जाएगी। किसानों को किसी भी समस्या या सहायता की आवश्यकता होने पर टोल-फ्री नंबर 18001800150 पर संपर्क करने की सुविधा दी गई है। इसके अलावा वे अपने जिले के खाद्य विपणन अधिकारी, तहसील के क्षेत्रीय विपणन अधिकारी या ब्लॉक के विपणन निरीक्षक से भी सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
सरकार का उद्देश्य इस खरीफ सीजन में न केवल अधिकतम धान की खरीद करना है, बल्कि किसानों को समय पर भुगतान और बेहतर मूल्य उपलब्ध कराना भी है। योगी सरकार का दावा है कि राज्य में एमएसपी प्रणाली को और सशक्त बनाने के लिए डिजिटल पारदर्शिता और निगरानी को प्राथमिकता दी गई है। इससे किसानों को बिचौलियों से मुक्ति मिलेगी और वे सीधे अपने मेहनत के उचित दाम प्राप्त कर सकेंगे।