Wed, 13 Aug 2025 19:08:06 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: कमिश्नरेट वाराणसी के अपर पुलिस आयुक्त (अपराध) श्री राजेश कुमार सिंह ने मंगलवार को गोमती जोन के एडीसीपी, एसीपी और सभी थाना प्रभारियों के साथ एक महत्वपूर्ण गोष्ठी का आयोजन किया। बैठक में अपराध नियंत्रण, अपराधियों पर प्रभावी कार्रवाई और क्षेत्र में कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने से जुड़े कई अहम मुद्दों पर गहन चर्चा की गई।
गोष्ठी में अपर पुलिस उपायुक्त गोमती जोन श्री वैभव बांगर, सहायक पुलिस आयुक्त राजातालाब अजय कुमार श्रीवास्तव, सहायक पुलिस आयुक्त पिंडरा प्रतीक कुमार सहित गोमती जोन के सभी प्रभारी निरीक्षक/थानाध्यक्ष मौजूद रहे। बैठक की शुरुआत में एसीपी राजातालाब और पिंडरा द्वारा अपने-अपने क्षेत्र की स्थिति और हालिया घटनाओं की समीक्षा प्रस्तुत की गई।
अपर पुलिस आयुक्त ने लूट, नकबजनी, चोरी और गौकशी जैसे गंभीर अपराधों में संलिप्त अपराधियों के खिलाफ उनके आपराधिक इतिहास के आधार पर गुंडा एक्ट, गैंगस्टर एक्ट और हिस्ट्रीशीट खोलने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऐसे अपराधियों को चिह्नित कर उनकी गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जाए, ताकि अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित किया जा सके।
बैठक में माननीय न्यायालय द्वारा निर्गत गैर-जमानती वारंट वाले आरोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी पर विशेष बल दिया गया। अपराध रोकथाम के लिए गश्त और पिकेट ड्यूटी की नियमितता, संवेदनशील स्थानों पर बैंक चेकिंग की मजबूती और स्थानीय खुफिया तंत्र को सक्रिय करने पर भी जोर दिया गया।
इसके साथ ही, कमिश्नरेट क्षेत्र में रह रहे गैर-जनपद और गैर-प्रांत के व्यक्तियों की पहचान और सत्यापन की प्रक्रिया को तेज करने के निर्देश दिए गए। विशेष रूप से होटल, दुकान, कारखाना, रिक्शा चलाने और ठेला लगाने वालों का ब्योरा तैयार कर आवश्यक सत्यापन करने के आदेश दिए गए, ताकि असामाजिक तत्वों पर समय रहते कार्रवाई की जा सके।
गोष्ठी में प्रभारी निरीक्षक मिर्जामुराद प्रमोद पांडेय, प्रभारी निरीक्षक जंसा अनिल कुमार शर्मा, प्रभारी निरीक्षक कपसेठी अरविंद कुमार सरोज, प्रभारी निरीक्षक बड़ागांव अतुल कुमार सिंह, प्रभारी निरीक्षक फूलपुर प्रवीण कुमार सिंह, प्रभारी निरीक्षक सिंधौरा ज्ञानेन्द्र कुमार त्रिपाठी और थानाध्यक्ष राजातालाब राजू कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
इस बैठक को क्षेत्रीय सुरक्षा और अपराध नियंत्रण के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पुलिस प्रशासन का मानना है कि ऐसे नियमित संवाद और समीक्षात्मक बैठकों से न केवल अपराधियों में भय का माहौल बनेगा, बल्कि आम जनता का पुलिस पर भरोसा भी और मजबूत होगा।