Wed, 16 Jul 2025 15:23:10 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: शहर की शांत फिजाओं में उस वक्त सनसनी फैल गई, जब ड्यूटी से लौट रहे देश के एक बहादुर सपूत को असलहे की नोक पर लूट लिया गया। यह दर्दनाक वाकया वाराणसी के राजघाट पुल पर घटा, जहां ऑटो सवार तीन शातिर युवकों ने सेना के लांस नायक विकास कुमार को अपना निशाना बनाया। देश की रक्षा के लिए जान की बाज़ी लगाने वाले विकास कुमार उस वक्त अकेले थे और वर्दी की गरिमा लिए लौट रहे थे। लेकिन शहर के अपराधियों ने न कानून देखा, न उसकी रक्षा करने वाले को, बस झपट लिया वह सब जो उनका नहीं था।
पीड़ित जवान विकास कुमार बिहार के औरंगाबाद जिले के जमहार दुखैला गांव के निवासी हैं। वर्तमान में वह राजस्थान के भरतपुर में लांस नायक के पद पर तैनात हैं। बीते सप्ताह एक महीने की छुट्टी पर घर लौट रहे थे और 13 जुलाई की रात वाराणसी के कैंट स्टेशन से ऑटो में सवार होकर मुगलसराय के लिए निकले थे। यहीं से शुरू होती है एक रोंगटे खड़े कर देने वाली साजिश की पटकथा, जिसका मंच था मालवीय पुल और पात्र थे ऑटो में बैठे वे तीन युवक, जिनमें से दो पहले से सवारी बनकर इंतजार में बैठे थे।
मालवीय पुल पर पहुंचते ही माहौल अचानक बदल गया। ऑटो में बैठे दोनों युवकों ने जेब से असलहा निकाला और जवान के पेट पर सटा दिया। लहजे में धमकी थी और आंखों में वह हैवानियत, जिसने उस रात एक फौजी को बेबस बना दिया। बदमाशों ने विकास से मोबाइल, पर्स और डेबिट कार्ड लूट लिया। इतना ही नहीं, पासवर्ड पूछकर तत्काल खाते की रकम चेक की और फिर शुरू हुई डिजिटल लूट की वारदात। जिसमें यूपीआई के जरिए 49,999 रुपये किसी 'मसूद आलम' के नाम खाते में ट्रांसफर कर दिए गए और एटीएम से 30 हजार रुपये और निकाल लिए।
इतना ही नहीं, जब खाते में और धन नहीं मिला, तो आरोपियों ने हथियार के साये में विकास कुमार को दबाव में लेकर 50 हजार रुपये और मंगवाए। पूरा घटनाक्रम करीब आधे घंटे तक चलता रहा, और उसके बाद बदमाश ऑटो से उतरकर फरार हो गए, जवान को लुटे-पिटे हाल में अकेला छोड़कर।
घटना के बाद हिम्मत जुटाकर विकास कुमार ने रामनगर थाने में मंगलवार को तहरीर दी। पुलिस हरकत में आई है। एडीसीपी सरवणन टी. ने बताया कि मामले को गंभीरता से लिया गया है। घटनास्थल और आसपास के सीसीटीवी कैमरे खंगाले जा रहे हैं। पुलिस की विशेष टीम गठित कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है।
यह घटना न सिर्फ कानून व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि आज अपराधियों में पुलिस का कोई खौफ नहीं बचा। जब एक वर्दीधारी जवान तक सुरक्षित नहीं, तो आम नागरिकों की स्थिति की कल्पना ही डरावनी हो जाती है।
वाराणसी जैसी सांस्कृतिक और आस्था की नगरी में इस तरह की घटनाएं न केवल प्रशासन के लिए चुनौती हैं, बल्कि समाज के लिए चेतावनी भी हैं। जरूरत है कि पुलिस हर हाल में इन अपराधियों को जल्द पकड़कर कड़ी से कड़ी सजा दिलाए, ताकि आने वाले दिनों में कोई और विकास कुमार ऐसी शर्मनाक घटना का शिकार न बने।