Wed, 25 Jun 2025 20:17:24 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: काशी की आत्मा और धर्मनगरी की परंपराओं में रची-बसी आस्था की अद्भुत मिसाल एक बार फिर जीवंत होने जा रही है। काशी के कोतवाल माने जाने वाले बाबा श्री काल भैरव जी की भव्य 71वीं शोभायात्रा इस वर्ष 27 जून 2025, शुक्रवार को प्रातः 7 बजे चौखंभा स्थित ऐतिहासिक काठ की हवेली से निकाली जाएगी। आयोजन का नेतृत्व स्वर्णकार क्षत्रिय कमेटी वाराणसी कर रही है, जो वर्ष 1954 से निरंतर इस परंपरा का पालन करती आ रही है। इस अवसर पर बाबा काल भैरव जी की विशेष स्वर्ण-रजत पंचवदन प्रतिमा रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण करेगी और श्रद्धालुओं को अपने दिव्य दर्शन का लाभ देगी।
कमेटी के अध्यक्ष कमल कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि शोभायात्रा का आरंभ पुलिस घुड़सवार दस्ते से होगा, जिसके पीछे ताशा-बाजा, ध्वजवाहक और ध्वज पताकाएं लिए भक्तगण चलते हुए भक्ति का वातावरण सृजित करेंगे। स्वर्णकार क्षत्रिय कमेटी के संस्थापक दिवंगत किशुन दास जी एवं भीखू सिंह जी की सुसज्जित तस्वीरें विशेष रथ पर विराजमान रहेंगी, जो संगठन की विरासत को भावपूर्ण सम्मान देंगी।
शोभायात्रा में परंपरागत बैंड पार्टी के साथ-साथ विविध धार्मिक एवं सांस्कृतिक झांकियां सम्मिलित होंगी। माता स्वरूप की झांकियां अपने करतबों से श्रद्धालुओं को आकर्षित करेंगी, वहीं 11 सुसज्जित छतरी युक्त घोड़े राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और बजरंगबली की जीवंत प्रस्तुतियों के साथ शोभा को और भी गरिमामय बनाएंगे। पाइप बैंड की स्वर लहरियां धार्मिक वातावरण को और अधिक संगीतमय बना देंगी।
इस बार शोभायात्रा की विशेषता आकर्षक झांकियों की श्रृंखला है, जिनमें भगवान शंकर-पार्वती, राधा-कृष्ण, मां दुर्गा, काली माता और श्री हनुमान जी की भव्य प्रस्तुतियां रहेंगी। इवेंट प्लानर नीरज सेठ के नेतृत्व में संगीतमय भजनों की टोली पूरे मार्ग पर श्रद्धालुओं को भक्ति में सराबोर रखेगी। गोविंदेश्वर महादेव की विशेष झांकी और डमरू दल भी शोभायात्रा में महत्वपूर्ण आकर्षण का केंद्र रहेंगे।
शोभायात्रा के समापन पर, फूलों से सुसज्जित स्वर्ण रथ में बाबा काल भैरव जी की प्रतिमा के साथ भव्य शहनाई वादन और भक्तों के जयकारों की गूंज वातावरण को भक्तिमय बना देगी। इसके लिए वाराणसी के विभिन्न सामाजिक संगठनों एवं बाबा के भक्तों द्वारा शहर के लगभग 50 स्थानों पर स्वागत-पूजन की व्यवस्था की गई है।
शोभायात्रा के संचालन में शोभायात्रा मंत्री जनार्दन प्रसाद वर्मा की देखरेख में कमेटी के पदाधिकारियों की एक कार्यकुशल टीम बनाई गई है। महामंत्री सतीश कुमार सिंह ने बताया कि शोभायात्रा चौखंभा से प्रारंभ होकर बीबी हटिया, जतनवर, विशेश्वरगंज, महामृत्युंजय, दारानगर, मैदागिन, बुलानाला, चौक, नारियल बाजार, गोविंदपुरा, ठठेरी बाजार, सोराकुंआ, गोलघर, भुतही इमली से होते हुए काल भैरव मंदिर चौराहे पर जाकर सम्पन्न होगी। इस पूरे मार्ग पर नागरिक सुरक्षा कोतवाली प्रखंड के स्वयंसेवक वॉकी-टॉकी के साथ शोभायात्रा के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
कमेटी के महामंत्री ने बताया कि मंदिर में बाबा की स्वर्ण रजत पंचवदन प्रतिमा को स्थापित कर भव्य श्रृंगार और पूजन कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। सायंकाल को आचार्य पं. जयकृष्ण दीक्षित के आचार्यत्व में बसंत पूजा का आयोजन होगा, जो देर रात 11 बजे तक चलेगा। इसके पश्चात महाआरती और श्रृंगार कार्यक्रम के साथ आयोजन का समापन होगा। श्रद्धालुओं के लिए मंदिर प्रांगण से प्रसाद वितरण की समुचित व्यवस्था भी की गई है।
शोभायात्रा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम मंत्री जनार्दन प्रसाद वर्मा ने बताया कि मीडिया संयोजन का दायित्व डॉ. कैलाश सिंह विकास एवं किशोर कुमार सेठ को सौंपा गया है। मंदिर परिसर एवं शोभायात्रा मार्ग की सजावट फूलों, विद्युत झालरों और पारंपरिक सजावट से की जाएगी, जिससे माहौल अत्यंत मनोहारी हो जाएगा। उन्होंने धर्मनगरी काशी की जनता से दोपहर 1 बजे तक अपने प्रतिष्ठान बंद कर शोभायात्रा में परिवार सहित भाग लेने की अपील की है, ताकि बाबा के दर्शन का पुण्य सभी को प्राप्त हो सके।
वर्मा ने बताया कि नगर आयुक्त एवं कोतवाली जोनल अधिकारी को मार्ग पर सफाई, चूने के छिड़काव, एवं प्रकाश व्यवस्था हेतु पहले ही पत्रक सौंपा जा चुका है। इस बार शोभायात्रा में विशेष आकर्षण रहेगा बटुकों द्वारा मंत्रोच्चार और शंखनाद, जो बाबा के श्रृंगार और पूजन समय पूरे वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देगा। सभी भक्त विश्व शांति और जनकल्याण के लिए बाबा काल भैरव से प्रार्थना करेंगे।
पत्रकार वार्ता के दौरान आयोजन समिति के सभी प्रमुख पदाधिकारी, अध्यक्ष कमल कुमार सिंह, महामंत्री सतीश कुमार सिंह, शोभायात्रा मंत्री जनार्दन प्रसाद वर्मा, कोषाध्यक्ष विष्णु सेठ, श्यामसुंदर सिंह, कृष्ण कुमार सेठ, डॉ. कैलाश सिंह विकास, किशोर कुमार सेठ, घनश्याम सेठ, अनुज गौतम, राजू वर्मा, संदीप सेठ सहित कई अन्य गणमान्य सदस्य उपस्थित रहे और आयोजन की सफलता के लिए अपनी सहभागिता सुनिश्चित की।
यह शोभायात्रा न केवल काशी की धार्मिक परंपराओं का जीवंत प्रतीक है, बल्कि सामूहिक श्रद्धा और सामाजिक एकता का भी दिव्य उदाहरण है।