वाराणसी: गंगा नदी में 20 सैलानियों से भरी नाव फंसी, एनडीआरएफ ने सभी को बचाया

वाराणसी के ललिता घाट पर 20 पर्यटकों से भरी नाव गंगा में फंसी, एनडीआरएफ ने सभी को सकुशल बचाया। बड़ा हादसा टला।

Wed, 29 Oct 2025 15:11:54 - By : Palak Yadav

वाराणसी: गंगा आरती स्थल ललिता घाट के सामने बुधवार दोपहर एक बड़ा हादसा टल गया, जब 20 सैलानियों से भरी एक नाव अचानक गंगा नदी की तेज धारा में फंस गई। देखते ही देखते नाव का संतुलन बिगड़ गया और यात्रियों में चीख-पुकार मच गई। सूचना मिलते ही मौके पर मौजूद एनडीआरएफ की टीम ने तत्परता दिखाते हुए सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। यह घटना करीब दोपहर 1 बजे की बताई जा रही है, जब देश के विभिन्न राज्यों से आए पर्यटक गंगा आरती स्थल के आसपास नाव से भ्रमण कर रहे थे।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, अचानक हवा का वेग बढ़ गया और गंगा नदी की धारा तेज हो गई, जिससे नाव का संतुलन बिगड़ गया। नाविक ने कई बार नाव को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन पानी के बहाव ने उसे बीच नदी में रोक दिया। नाव में सवार यात्री घबराकर शोर मचाने लगे और सहायता के लिए हाथ हिलाकर इशारे करने लगे। कुछ ही मिनटों में स्थिति गंभीर होती दिखी तो घाट किनारे मौजूद लोगों ने तुरंत एनडीआरएफ की गश्ती टीम को सूचित किया।

गंगा में पहले से नियमित गश्त पर मौजूद एनडीआरएफ की टीम ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। प्रशिक्षित गोताखोरों और बचावकर्मियों ने दो मोटरबोट की मदद से लगभग 10 से 15 मिनट में फंसी हुई नाव तक पहुंच बनाई। एनडीआरएफ कर्मियों ने सभी यात्रियों को एक-एक कर रेस्क्यू बोट में स्थानांतरित किया और उन्हें सुरक्षित ललिता घाट तक पहुंचाया। सभी पर्यटक पूरी तरह सुरक्षित हैं और किसी को चोट नहीं आई है।

एनडीआरएफ के अधिकारियों ने बताया कि इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए उनकी टीम लगातार गंगा में गश्त करती रहती है। उन्होंने यह भी कहा कि तेज धाराओं और मौसम की प्रतिकूल स्थिति में छोटी नावों को नदी में उतारना खतरनाक है। यदि समय पर टीम नहीं पहुंचती, तो बड़ा हादसा हो सकता था।

घटना के बाद जल पुलिस भी सक्रिय हो गई और गंगा नदी में सभी नाविकों और पर्यटकों को चेतावनी जारी की गई। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि इस समय नदी में छोटी नावों का संचालन पूरी तरह से प्रतिबंधित है। केवल मोटरबोटों को ही सीमित क्षेत्र में चलाने की अनुमति दी गई है और उसमें सवार हर व्यक्ति के लिए लाइफ जैकेट पहनना अनिवार्य कर दिया गया है।

पुलिस की दो टीमें गंगा नदी के प्रमुख घाटों पर लगातार गश्त कर रही हैं ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। अधिकारियों ने नाव मालिकों और संचालकों को निर्देश दिया है कि किसी भी परिस्थिति में बिना सुरक्षा उपकरणों के यात्रियों को नदी में न ले जाया जाए। साथ ही मौसम की स्थिति पर निगरानी रखते हुए ही नाव संचालन की अनुमति दी जाएगी।

गंगा नदी में यह घटना वाराणसी प्रशासन के लिए एक चेतावनी साबित हुई है कि पर्यटकों की सुरक्षा के लिए और अधिक सख्ती से नियमों को लागू करने की आवश्यकता है। श्रद्धालुओं और सैलानियों से भी अपील की गई है कि वे सुरक्षा नियमों का पालन करें और मौसम खराब होने की स्थिति में नाव यात्रा से बचें।

एनडीआरएफ की त्वरित कार्रवाई और समर्पण से एक बड़ी त्रासदी टल गई, जिससे वाराणसी की गंगा में श्रद्धा और सुरक्षा दोनों की लहर एक साथ देखने को मिली।

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