वाराणसी: B.Tech पास युवक बना फर्जी TTE, प्रेमिका से शादी के लिए रचा ठगी का जाल

वाराणसी कैंट स्टेशन पर एक B.Tech डिग्रीधारी युवक को फर्जी TTE के रूप में गिरफ्तार किया गया, जो अपनी प्रेमिका से शादी करने के लिए रेलवे की वर्दी पहनकर यात्रियों को ठग रहा था।

Fri, 27 Jun 2025 21:00:40 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

वाराणसी: कैंट रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा एजेंसियों ने सतर्कता और संयुक्त कार्रवाई के तहत एक फर्जी टीटीई को गिरफ्तार किया, जिसने रेलवे की वर्दी पहनकर यात्रियों को फर्जी टिकट जारी कर ठगी की वारदातों को अंजाम दिया था। गिरफ्तार युवक की पहचान मध्य प्रदेश के रीवा जिले के अतरैला गांव निवासी आदर्श जायसवाल के रूप में हुई है, जो बीटेक डिग्रीधारी होने के बावजूद बेरोजगारी की मार झेल रहा था। जीआरपी (Government Railway Police) और आरपीएफ (Railway Protection Force) की संयुक्त टीम ने स्टेशन के यात्री हॉल के समीप से उसे रंगे हाथों पकड़ा।

जांच के दौरान जब अधिकारियों ने युवक की तलाशी ली, तो उसके पास से पूर्व मध्य रेलवे का फर्जी पहचान पत्र और टीटीई की आधिकारिक वर्दी बरामद हुई। जीआरपी इंस्पेक्टर रजोल नागर और आरपीएफ इंस्पेक्टर संदीप कुमार यादव ने जानकारी दी कि आरोपी ने पूछताछ में स्वीकार किया कि वह बेरोजगार है और एक युवती से प्रेम करता है। परिजनों की नाराज़गी और प्रेम विवाह में आ रही सामाजिक अड़चनों के चलते उसने यह रास्ता अपनाया। खुद को रेलवे कर्मचारी दर्शाकर वह युवती और उसके परिजनों को प्रभावित करना चाहता था, ताकि शादी के लिए रज़ामंदी मिल सके।

पूछताछ में आदर्श ने बताया कि उसने अपने ही गांव में 2 मार्च को एक साइबर कैफे से फर्जी रेलवे आईडी कार्ड बनवाया था। वह रेलवे के असली कर्मचारियों की तरह वर्दी पहनकर यात्रियों को भ्रमित करता और मोबाइल एप के जरिए फर्जी ई-टिकट बना देता।

ऐसे ही एक मामले में 17 जून को उसने दो महिला यात्रियों, ज्योति किरण और गुनगुन, को वाराणसी से लक्सर जाने के लिए जनता एक्सप्रेस के बी-3 कोच का टिकट अपने मोबाइल से जारी किया। लेकिन जब महिलाएं यात्रा के लिए स्टेशन पहुंचीं तो बी-3 कोच की जगह ट्रेन में M-2 कोच लगा मिला। टिकट में गड़बड़ी देखकर यात्रियों को शक हुआ, और उन्होंने इसकी शिकायत न केवल कमर्शियल स्टाफ से की, बल्कि अपने परिजन को भी सूचित किया।

एक अन्य घटना में आरोपी ने कैंट स्टेशन के मुख्य आरक्षण केंद्र से एक यात्री दिनेश यादव का मुंबई जाने का ई-टिकट बनाकर दिया था। लेकिन टिकट की स्थिति में असमानता देख यात्री को शक हुआ और आरोपी से टिकट की वैधता को लेकर विवाद हुआ। मामला बढ़ते ही सुरक्षा बलों को सूचित किया गया, जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया।

इंस्पेक्टर रजोल नागर ने बताया कि पूछताछ के दौरान आदर्श ने बताया कि प्रेमिका से विवाह करने के लिए वह समाज और परिजनों की नजर में खुद को सरकारी नौकरी में दिखाना चाहता था। रेलवे जैसी प्रतिष्ठित संस्था का कर्मचारी होने का झूठा दावा करके वह अपनी प्रेम कहानी को अंजाम तक पहुंचाना चाहता था।

आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी और सरकारी दस्तावेजों की जालसाजी जैसे गंभीर अपराधों के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। अब उससे यह भी पूछताछ की जा रही है कि क्या वह पहले भी अन्य यात्रियों को ठग चुका है और क्या इस जालसाजी में कोई और व्यक्ति भी शामिल है।

रेलवे प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि टिकट खरीदते समय केवल अधिकृत माध्यमों और कर्मचारियों पर ही भरोसा करें। इस घटना ने रेलवे सुरक्षा व्यवस्था के प्रति सतर्कता की एक बार फिर से आवश्यकता को उजागर किया है। वहीं, एक पढ़े-लिखे युवा का इस तरह के गलत रास्ते को अपनाना समाज में बेरोजगारी और मानसिक दबाव के गंभीर पहलुओं की ओर भी इशारा करता है।

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